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राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को आतंकी संगठन आईएसआईएस के मॉड्यूल पर आधारित उत्तर प्रदेश और राजधानी दिल्ली में चल रहे संगठन का पर्दाफाश किया. एनआईए ने उत्तर प्रदेश एटीएस, दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर चलाए गए स्पेशल ऑपरेशन में कुल 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया.

एजेंसी की मानें तो इन सभी का प्लान था कि वह देश के कुछ नामी नेताओं और बड़े संस्थानों पर आत्मघाती हमला करें. इनके पास से काफी बड़ी मात्रा में हथियार और बम बनाने की सामग्री बरामद हुई है.

सुरक्षा एजेंसियों ने आईएसआईएस पर आधारित 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' का भांडा फोड़ा और उत्तर प्रदेश के अमरोहा से मस्जिद के एक मौलवी और थर्ड ईयर सिविल इंजीनियर को पकड़ा है, इन दोनों को ही इसका मास्टरमांइड माना जा रहा है.

इस पूरे मॉड्यूल का मास्टरमाइंड एक 29 वर्षीय इंजीनियर मुफ्ती मोहम्मद सुहैल बताया जा रहा है. सुहैल ने ही अपने सहयोगियों के लिए पैसा इकट्ठा किया, हथियार खरीदे और बम बनाने की सामग्री भी खरीदे. ये सभी फिदायीन हमले की तैयारी में थे.

गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली और आसपास के इलाके इस संगठन के निशाने पर थे, लेकिन एनआईए ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.

एनआईए ने बुधवार को उत्तर प्रदेश और दिल्ली की कुल 16 जगह पर छापेमारी की. एनआईए के आईजी आलोक मित्तल के अनुसार, इन छापेमारी में देशी रॉकेट लॉन्चर, आत्मघाती जैकेट के सामान, टाइम बम बनाने में उपयोग की जाने वाली 112 घड़ियां बरामद की गई हैं.

ये छापेमारी दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के अमरोहा, लखनऊ, हापुड़, मेरठ में की गई. इस छापेमारी में कुल 16 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.

बुधवार को छापेमारी के बाद एनआईए ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. एनआईए के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने बताया कि छापेमारी के दौरान देशी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट के सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं.

उन्होंने बताया, ''हमारे द्वारा बरामद 112 अलार्म घड़ियों से स्पष्ट है कि वह सिर्फ एक नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बम बनाने की योजना बना रहे थे.''

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के साथ मिलकर दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर में छह जगहों पर जबकि उत्तर प्रदेश में 11 जगहों पर छापेमारी की. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो जगहों पर छापेमारी की गई. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले ये छापेमारियां की गई हैं जिसमें अमरोहा के एक मुफ्ती को भी गिरफ्तार किया गया है.

मित्तल ने कहा, ''सदस्य तैयारियों के अंतिम चरण के करीब थे. वे लोग बम बनाने में सफलता मिलने का इंतजार कर रहे थे और रिमोट नियंत्रित आईईडी और पाइप बम के जरिए विभिन्न जगहों पर विस्फोट करना चाहते थे. जरूरत पड़ने पर आत्मघाती जैकेटों का प्रयोग कर फिदायीन हमले भी करना चाहते थे.''

उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' समूह के 16 लोगों को हिरासत में लिया. इसका सामान्य अनुवाद 'इस्लाम के हितों के लिए लड़ाई करना है.' मित्तल ने कहा कि हिरासत में लिए गए 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से पांच अमरोहा से जबकि पांच दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद से गिरफ्तार किए गए हैं. छह अन्य से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं.

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उन्होंने कहा कि 20 से 35 वर्ष के बीच के युवाओं के एक ''बेहद चरमपंथी संगठन'' के सदस्यों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभी तक सामने नहीं आया है और यह अपना वित्त पोषण स्वयं कर रहे थे. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कथित मास्टर माइंड 29 वर्षीय मुफ्ती मोहम्मद सुहैल भी शामिल है. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है. इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर भी गिरफ्तार किए गए हैं.

उन्होंने कहा, ''इसकी पुष्टि हो गई है कि मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत और उसके सहयोगियों ने धन एकत्र किया, हथियार खरीदे, और आईईडी तथा बम बनाने के लिए सामग्री खरीदी. उनकी योजना दिल्ली और आसपास के इलाकों तथा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विस्फोट और फिदायीन हमले करने की थी.''