रक्षा मंत्रालय ने बुधवार, 2 जनवरी को बताया कि विशेषज्ञ समिति द्वारा कुछ आपत्तियां उठाये जाने के बाद इस साल गणतंत्र दिवस परेड समारोह के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा," विशेषज्ञ समिति ने दो दौर की बैठकों के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की और जांचा। पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया।"
यहाँ पर यह बताना जरुरी है कि पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को इसी प्रक्रिया के तहत गणतंत्र दिवस परेड 2019 में भाग लेने के लिए चुना गया था। मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है, "पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं।"
पश्चिम बंगाल सरकार के सूत्रों के मुताबिक उनकी ओर से राज्य में विकास कार्यों, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण की थीम पर कई प्रस्ताव दिए थे। 2019 में पश्चिम बंगाल की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल की गई थी।
पिछले साल केंद्र ने राज्य की ममता सरकार द्वारा चलाई जा रही कन्याश्री योजना को प्रदर्शित करने के राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। वहीं राज्य सरकार की इस योजना को संयुक्त राष्ट्र ने सम्मानित किया था, जो सशर्त नकद हस्तांतरण के जरिए लड़कियों की शिक्षा व भलाई में सुधार करना चाहती है। बाद में राज्य सरकार की ओर से महात्मा गांधी के जीवन के दो प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला। जिसमें भारत की स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण मोड़ के दौरान गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के साथ उनके कोलकाता प्रवास को झांकी के जरिए दर्शाया गया था।
इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे।
बंगाल की झांकी को मंजूरी ऐसे वक्त में नहीं मिली है, जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर ममता बनर्जी और केंद्र सरकार आमने सामने है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नागरिकता कानून के खिलाफ केंद्र सरकार के विरोध में खड़ी हैं। इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार में टकराव और भी बढ़ सकती है।