ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिये गैर-बीजेपी शासित राज्यों पर अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक उनके ओडिशा के मंदिरों के शहर पुरी से चुनावी मैदान में उतरने की पूरी संभावना है.
सूत्रों ने इस मीडिया समूह को बताया कि पीएम मोदी 2014 की तरह दो सीटों पर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. हालांकि इस बार वे पुरानी दोनों सीटों में से एक को छोड़कर एक नये निर्वाचन क्षेत्र को चुन सकते हैं, जिसके गैर-बीजेपी शासित राज्य से होने की पूरी उम्मीद है.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुरी के लिये तैयारियां करनी शरू कर दी हैं. साथ ही इस रिपोर्ट में कहा आगे गया है कि मोदी ओडिशा के कटक से 26 मई को 2019 के चुनावों की रणभेरी भर सकते हैं.
फिलहाल बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र, पुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.
इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि चार राज्यों - ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल मिलाकर 105 लोकसभा सीटें हैं. 2014 के आम चुनावों में, इस राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक था और वह इन चार राज्यों में कुल छः सीट जीतने में सफल रही थी. उसका लक्ष्य 2019 में इस आंकड़े को बदलने का है. इसके अलावा मोदी के पुरी से चुनाव लड़ने से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी सातवें आसमान पर रहेगा.
हालांकि यह भगवा दल पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से सिर्फ दो पर ही जीतने में सफल हुई लेकिन यह कांग्रेस और वाम दलों को पछाड़कर टीएमसी के सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी बनकर सामने आई.
रिपोर्ट का कहना है कि पीएम मोदी के लिये पुरी के नाम को अंतिम करने के पीछे धार्मिक प्रतीकात्मकता भी हैक्योंकि 2014 का उनका चुनाव भगवान शिव से जुड़ा हुआ था.
रिपोर्ट में कहा गया, ''मोदी की 2019 की चुनावी रणभेरी भगवान जगन्नाथ के घर पुरी से बजेगी. बीजेपी को उम्मीद है कि वह धामिक प्रतीकात्मकता को जरिया बनाकर 2019 में पूर्व और दक्षिण के चार राज्यों में अपने पंख फैलाने में कामयाब रहेगी.''