कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में कदम रख दिया है. लोकसभा 2019 चुनाव से पहले कांग्रेस ने सबसे बड़ा दांव खेलते हुए बुधवार को उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में महासचिव बनाने का ऐलान किया है. इसके अलावा उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ है.
INC COMMUNIQUE
— INC Sandesh (@INCSandesh) January 23, 2019
Appointment of General Secretaries for All India Congress Committee. pic.twitter.com/zHENwt6Ckh
इससे पहले कई बार कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी आलाकमान से प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारने की मांग करते रहते थे. अब तक प्रियंका यूपी के रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस की ओर से प्रचार करती दिखाई देती थीं. यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया है. लेकिन अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं. यहां सपा-बसपा अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी. ऐसे में कांग्रेस के लिए अपने दम पर सीटें ला पाना कठिन है. इसी को देखते हुए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारा है.
प्रियंका गांधी दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ीं हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में डिग्री हासिल की है. प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखी जाती है.
कांग्रेस महासचिव बनने से पहले प्रियंका अपरोक्ष रूप से राजनीति में थीं. वह अपनी मां के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में चुनाव प्रचार भी कर चुकी हैं. वह समय-समय पर अहम राजनीतिक मसले पर भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सलाह देती रही हैं.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी को रायबरेली सीट से उतारा जा सकता है. अभी यहां से उनकी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी चार बार से सांसद हैं. अस्वस्थता के चलते उन्होंने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया था.
प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में आना और उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान दिया जाना कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. इस क्षेत्र की कई सीटों पर कांग्रेस का अच्छा प्रभाव है. फूलपुर से पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सांसद थे. इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर समेत कई जिलों कांग्रेस का अच्छा खासा प्रभाव है.