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ANI

चुनावी साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी ANI को दिए 95 मिनट के इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की. साल के अंत में 5 राज्यों में चुनावी हार से मोदी लहर खत्म होने की बात को उन्होंने खारिज किया. हार को लेकर नेतृत्व की जिम्मेदारी के सवाल को एक तरह से टालते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'यह कहना गलत है कि बीजेपी अमित शाह और नरेंद्र मोदी के कारण चलती है. हमारी पार्टी बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं से चलती है. एक या दो लोगों के चलाने वाली बात करने वाले बीजेपी के बारे में जानते नहीं हैं.'

95 मिनट के मैराथन इंटरव्यू के दौरान लहर खत्म होने के सवाल को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा कहना भी यह मानना है कि मोदी मैजिक है. उन्होंने कहा कि 2013-14 से अब तक के अखबार आप देखेंगे तो कुछ लोग हैं, जो यही बोलते रहे हैं कि पीएम मोदी जीत नहीं सकते हैं. वह जिनके लिए काम कर रहे हैं, उनके लिए नैरेटिव सेट करने में जुटे हैं. लहर सिर्फ जनता की आकांक्षाओं की है. कुछ लोग हमेशा हम पर शक करते हैं. जानें, पीएम मोदी ने सवालों के जवाब देते हुए किस मसले पर क्या कहा...

राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश

पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कोई अध्यादेश तभी लाया जा सकता है, जब इसपर कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाए. राम मंदिर पर अदालती कार्यवाही में देरी को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं, इसके चलते राम मंदिर मसले की सुनवाई की गति धीमी हो गई है. मैं कांग्रेस के वकीलों से कहना चाहूंगा कि इस मामले में अड़ेंगे डालना बंद करें और कानून को अपना काम करने दें.

'2013 से अब तक एक ही टोली हमारे खिलाफ कर रही प्रचार'

180 सीटों से कम आने के विश्लेषणों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि जब तक वे लोग ऐसी बात नहीं फैलाएंगे, तब तक उनसे लोग कैसे जुड़ेंगे. 2013-14 में भी यही टोली 200 से कम सीटों की चर्चा करती थी. हम अपने देश को सामान्य लोगों की समझदारी पर अविश्वास न करें. उन पर भरोसा करें. आखिर आम लोगों को ऐसा क्या अनुभव हुआ है, जो वह इस सरकार से दूर जाने की कोशिश करेगा.

'कांग्रेस पार्टी नहीं, सोच है और उससे मुक्त कराना है'

कांग्रेस मुक्त भारत को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि कांग्रेस एक सोच है और एक कल्चर है. हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन का वह कल्चर है. यह है करप्शन, वंशवाद और जातिवाद है. मैं कांग्रेस मुक्त की बात जो करता हूं, उसमें इन बुराइयों से मुक्ति की ही चर्चा है. देश में मजबूत विपक्ष की कमी है, कांग्रेस इस काम को करने में भी असफल रही है.

नोटबंदी से मजबूत हुई इकॉनमी

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि काले धन की समानांतर इकॉनमी को खत्म करके हमें अर्थव्यवस्था को मजबूती दिए जाने की जरूरत थी. टैक्स देने वाले बढ़े हैं, बैंकिंग सेक्टर के माध्यम से लोगों में खुला काम करने की इच्छा जगी है.

ऐंटी-इनकम्बैंसी को बताया 5 राज्यों में हार की वजह

5 राज्यों में बीजेपी की हार को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि तेलंगाना और मिजोरम में बीजेपी सत्ता में आएगी ऐसा कोई कहता ही नहीं था. तीन राज्यों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में नतीजा साफ आया और बीजेपी हारी. अन्य दो राज्यों में हंग असैंबली की स्थिति रही. आप देखेंगे कि यहां हमारे लोग 15 साल की ऐंटी इन्कम्बैंसी में थे. उन्होंने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में स्थानीय निकायों में बीजेपी की जीत का हवाला दिया.

कहा, अचानक नहीं थी नोटबंदी, पहले ही दिए थे संकेत

पीएम मोदी ने कहा कि नोटबंदी अचानक नहीं थी. हमने अघोषित संपत्ति जमा कराने का ऑफर दिया था, लेकिन कम लोग आगे आए. इसके बाद भी हमने कड़े कदम उठाने की बात कही थी. हमने यह फैसला सोच-समझकर लिया था. उससे इकॉनमी की रफ्तार घटने की बात गलत है. ट्रेन भी पटरी बदलती है तो ऐसा होता है. अब फिर से इकॉनमी की ग्रोथ पुराने स्तर पर है.

'भगोड़ों से वसूलेंगे पाई-पाई, कड़े कानूनों के चलते भागे'

माल्या और उस जैसे अन्य कर्जखोरों की वापसी को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वे भागे ही क्यों. इसलिए क्योंकि यहां उन्हें पाई-पाई चुकानी पड़ती. उनके लिए कड़े कानून बनाए हैं और हर नियम-कानून का इस्तेमाल कर वापसी की कोशिश की जा रही है. ऐसे लोगों की विदेशों में भी संपत्ति जब्त करने का प्रयास किया गया है. भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे रॉबर्ट वाड्रा और अन्य लोगों के खुलेआम घूमने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वे लोग जमानत पर बाहर हैं. जो जमानत पर हैं, वे सैर कर सकते हैं. हमारा किसी व्यक्ति या संस्था से कोई लेना-देना नहीं है.

मिडल क्लास के लिए गिनाए काम, कहा- योजनाओं में रखा पूरा ध्यान

पीएम मोदी ने मिडल क्लास को राहत के सवाल पर कहा कि मिडल क्लास को लेकर हमें सोच बदलनी होगी. देश को चलाने में सबसे बड़ा योगदान है. निचले तबके को कुछ मिलना चाहिए, यह जिम्मेदारी भी मिडल क्लास उठाता है. हमारा मानना है कि देश में बढ़ते मिडल क्लास की चिंता करनी होगी. महंगाई पर लगाम कसी है, इससे मिडल क्लास को ही राहत मिली है.

एजुकेशन में मेडिकल सीटें, उड़ान योजना और ऐसी तमाम स्कीमों से मिडल क्लास को ही लाभ मिला है. मिडल क्लास की महत्वाकांक्षाओं वाले काम कैसे हों, इस पर हमने काम किया. मुद्रा स्कीम से 15 करोड़ लोन बंटे. यह मिडल क्लास को ही मिले हैं.

कर्जमाफी से नहीं बनेगी बात, किसानों की बढ़ानी होगी कमाई

किसानों के लिए काम और कांग्रेस के लोन माफी को लॉलीपाप करार देने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. यह कहना कि हमने सभी किसानों का कर्ज माफ किया, गलत है. क्योंकि सच्चाई कुछ और है. 3 लाख करोड़ रुपये हमारी सरकार ने वापस लाने का काम किया है. अगर कर्जमाफी से किसान को राहत मिलती है तो बिलकुल करना चाहिए. देवीलाल के जमाने में हुआ, 2008-09 में भी ऐसा हुआ. कर्जमाफी बार-बार करने के बाद भी किसान संकट में है. इसके लिए हमें उन्हें मजबूत करना होगा. बीज से लेकर बाजार तक किसानों को सुविधा दी जानी चाहिए. करीब 100 योजनाएं सालों से लटकी थीं, लेकिन हमने उस पर काम किया.

हर चुनाव से पहले कुछ लोगों को दिखती है असहिष्णुता

पीएम मोदी ने गाय के मुद्दे पर लिंचिंग और हिंसा को लेकर कहा कि हिंसा की एक भी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती. लेकिन महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे जो कह रहे थे. संविधान में जो भावनाएं हैं, उनका भी आदर करने की जरूरत है. एक खाड़ी देश के मुस्लिम स्कॉलर ने लेख लिखा था और भारत की सहिष्णु संस्कृति की सराहना की थी. हर चुनाव से पहले कुछ लोगों को असहिष्णुता दिखने लगती है तो यह गलत है. हमने 18000 गांवों में बिजली दी, लेकिन यह नहीं पूछा कि किस गांव में किस संप्रदाय के लोग रहते हैं. उज्ज्वला योजना लाए तो जाति-संप्रदाय की बात नहीं की. हर मां को मुक्ति मिलनी चाहिए.

तीन तलाक धार्मिक मामला नहीं, सबरीमाला अलग मसला

तीन तलाक और सबरीमाला में अलग-अलग स्टैंड को लेकर पूछे गए सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में तमाम इस्लामिक देशों ने भी तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. यह धर्म का मसला होता तो हर जगह लागू होता. यह लैंगिक न्याय का मसला है और इसका धर्म से लेना-देना नहीं है. हिंदुस्तान में कई मंदिर ऐसे हैं, जहां पुरुष भी नहीं जा सकते. यह छोटे दायरे की बात है.

राफेल पर बोले, मैं राहुल गांधी से क्यों उलझूं

राफेल डील पर राहुल गांधी के आरोपों पर चुप्पी साधने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरे पर व्यक्तिगत आरोप नहीं है. मुझ पर आरोप है तो उन्हें खोजकर निकालना चाहिए कि किसने दिया, कब दिया और कहां दिया. मैंने इस पर संसद में बात रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने बाल की खाल निकाल कर रख दी है. पत्थर मारकर, कीचड़ उछालकर नहीं भागना चाहिए. उन्हें यह बोलने की बीमारी है तो मुझे क्या उसमें उलझा रहना चाहिए.

सर्जिकल स्ट्राइक से पहले थी बेचैनी, जवानों से मिल रही थी लाइव फीड

सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान मन में क्या था, यह पूछने पर पीएम मोदी ने कहा कि उड़ी की घटना ने मुझे बेचैन कर दिया था. केरल में एक मीटिंग में मैंने इसका जिक्र किया था. मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था. मैंने सेना के लोगों से बात की तो देखा कि उनके भीतर मुझसे ज्यादा आग है. मैंने उन्हें खुली छूट दी, फिर वो प्लान लेकर आए. इस ऑपरेशन की डेट बदलनी पड़ी. बहुत बड़ा रिस्क था. यह रिस्क राजनीतिक नहीं था, लेकिन जवानों की ही सुरक्षा से जुड़ा था. मैंने सूर्योदय से पहले लौटने का आदेश दिया. स्पेशल ट्रेनिंग दी गई थी. मैं लाइव कॉन्टेक्ट में था, लेकिन सुबह जानकारी आनी बंद हो गई.

हर जवान का जिंदा लौटना थी मेरी प्राथमिकता

सूर्योदय के बाद भी खबर नहीं आई तो बेचैनी हुई. मेरी चिंता यह थी कि मेरा जवान जिंदा लौटे. फिर एक खबर आई कि वापस सीमा में नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हमारी दो-तीन टुकड़ियां सेफ जोन में आ गई हैं. फिर भी मैंने कहा कि आखिरी जवान के वापस आने तक की मुझे जानकारी दी जाए. सेना ने जिस तरह का ऑपरेशन किया, उससे सेना के नए सामर्थ्य का पता चला. चीन से दोस्ती के प्रयास और फिर डोकलाम की घटना को नेहरू की तरह धोखा खाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि डोकलाम में क्या कदम रहा.

'मेरी विदेश यात्राएं ज्यादा नहीं, चर्चाएं ज्यादा हैं'

विदेश यात्राओं की संख्या को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि लगभग हर पीएम की यात्राएं करीब-करीब इतनी ही रही हैं. कई तरह के फोरम बनने के चलते ऐसा करना पड़ता है. मनमोहन सिंह जी को भी ऐसा करना पड़ता था. हां, इतना है कि मैं कहीं जाता हूं तो पड़ोस के भी देशों में होकर आता हूं. पहले जाते थे तो जहां जाते थे वहां भी कोई चर्चा नहीं होती थी. लेकिन, मैं जब जाता हूं और आता हूं तो दोनों जगहों पर चर्चा होती है.

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