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चुनाव के दौरान दुनिया भर में अपने मंच के दुरुपयोग को लेकर गहन जांच का सामना कर रही फेसबुक ने भारत में 2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले विज्ञापन पारदर्शिता बढ़ाने और किसी विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ बचाव के नए कदम उठाने की घोषणा की है.

सोशल नेटवर्किंग दिग्गज ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा कि भारत में फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन देने के लिए पहले अपनी पहचान और लोकेशन की पुष्टि करनी होगी और विस्तृत जानकारी देनी होगी कि कौन यह विज्ञापन दे रहा है.

फेसबुक की उत्पाद प्रबंधक सारा क्लार्क स्किफ ने कहा, 'हम फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापनों के प्रबंधन में बड़ा बदलाव कर रहे हैं. हमने अमेरिका, ब्राजील और ब्रिटेन में यह बदलाव किया और भारत में राजनीतिक विज्ञापन के मामलों में पारदर्शिता लाने जा रहे हैं.'

फेसबुक ने कहा कि पहचान और लोकेशन की पुष्टि में कई हफ्ते लग सकते हैं, इसलिए जो लोग अगले साल राजनीतिक विज्ञापन देने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अभी से पुष्टि की प्रक्रिया में शामिल हो जाना चाहिए. इसके लिए उन्हें मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से पहचान और लोकेशन का सबूत देना होगा.

स्किफ ने कहा, 'इससे अगले साल जब वे राजनीतिक विज्ञापन चलाना चाहेंगे, तो इसमें देर नहीं लगेगी.'

गौरतलब है कि अमेरिकी चुनाव में फेसबुक की कैपेनिंग को लेकर पहले ही सवाल उठ चुके हैं. वहीं फेसबुक पर डेटा लीक को कई आरोप भी लग चुके है.

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PIB/Reuters

भारत में व्हाट्सएप के अधिकार वाली फेसबुक पहले ही फेक न्यूज को लेकर सवालों के घेरे में है, जिसे देखते हुए कंपनी कोई रिक्स नहीं लेना चाहती.

फेसबुक-इंस्टाग्राम पर राजनीतिक विज्ञापन दिखाने के लिए विज्ञापनदाता भारत सरकार की तरफ से जारी आइडेंटिटी प्रूफ (पैन कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट या लाइसेंस) के जरिए अपनी पहचान और लोकेशन का वेरिफिकेशन करा सकेंगे.

इसके लिए विज्ञापनदाता अपने मोबाइल फोन या कम्प्यूटर पर फेसबुक लॉग-इन कर अपनी पहचान और लोकेशन की जानकारी दे सकते हैं. मोबाइल के जरिए वेरिफिकेशन कराने के लिए अपडेटेड ऐप डाउनलोड करना होगा.