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सांकेतिक तस्वीरReuters file

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि पिछले साढ़े चार साल के समय में विदेशों में फंसे करीब दो लाख प्रवासी भारतीयों को वापस भारत लाया गया.

स्वराज के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी विदेश नीतियों में राष्ट्र हितों को प्राथमिकता दी है और भारत ने अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे जबकि कुछ देशों के आपस में रिश्ते तनावपूर्ण थे.

स्वराज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की महिला शाखा राष्ट्रीय सेविका समिति से संबद्ध श्री शक्ति पीठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं.

उन्होंने कहा, ''इससे पहले कई विदेश मंत्री रहे हैं लेकिन क्या विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा विदेश मंत्रालय की कभी प्राथमिकता रही? कभी नहीं. मैंने 'परदेस में आपका दोस्त, भारतीय दूतावास' की पहल की.''

विदेश मंत्री ने आगे कहा, ''जब कोई अपने ही देश में परेशानी में फंसता है, तो मदद करने वाले लोग होते हैं और कई अन्य विकल्प होते हैं. लेकिन, धोखाधड़ी या अन्य कई कारणों से विदेश में फंस जाने वाले को बचाने वाला कोई नहीं होता. अगर आंकड़ों की बात करें तो हम 2,03,666 अप्रवासियों को वापस लेकर आए हैं जो विदेश में मुसीबत में फंसे हुए थे.''

स्वराज के मुताबिक, ''असंतुलित संबंध में संतुलन लाना'' भारत की कूटनीति का हिस्सा है जिसे उसने राष्ट्र हितों को महत्त्व देकर आगे बढ़ाया है.