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जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों और पिता-पुत्र जोड़ी फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेताओं की एक टीम को अनुमति दी।

प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा बैठक के लिए रविवार तड़के इंडिगो की उड़ान से जम्मू रवाना हुए। पूर्व नेकां विधायक भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। राणा ने अनुमति के लिए राज्यपाल सत्य पाल मलिक से अनुरोध किया था। प्रतिनिधिमंडल में 15 सदस्य शामिल थे।

फारूक और उमर से मुलाकात के बाद राणा ने कहा, 'हम खुश हैं कि वे दोनों स्वस्थ हैं। निश्चित रूप से वे राज्य के घटनाक्रम से पीड़ित हैं। अगर राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी है तो मुख्यधारा के नेताओं को छोड़ना होगा।' 81 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर स्थित अपने आवास पर नजरबंद हैं, जबकि उमर अब्दुल्ला को स्टेट गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया है।

हालांकि मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल का आधिकारिक तौर पर कहना है की मुलाकात के दौरान चर्चा का विषय पूरी तरह से 5 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कश्मीर में मौजूदा स्थिति तक ही सीमित था; जबकि अधिकतर विश्लेषकों का मानना है कि आगामी ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) चुनाव भी फोकस था।

नई दिल्ली द्वारा अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने के बाद, 5 अगस्त से फारूक और उमर हिरासत में थे। मुलाकात के दौरान उमर अब्दुल्ला अपनी पार्टी के नेताओं के साथ सेल्फी लेते हुए भी नजर आए।

दरअसल, जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 और 35A को हटाए जाने के बाद पहली बार स्थानीय निकायों के चुनाव होने जा रहे हैं। उधर, दोनों ही पार्टियों के आला नेता, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 9 अक्टूबर है।