कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी.Twitter

ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर आए राहुल गांधी ने ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं की सभा में शुक्रवार को कहा कि यह घटना त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था, लेकिन उन्होंने इससे असहमति जताई कि इसमें कांग्रेस 'शामिल' थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं.'

उन्होंने कहा, 'मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है. यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था. आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता. निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी.'

बाद में प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में एक सत्र के दौरान जब उनसे सिख विरोधी दंगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जब मनमोहन सिंह ने इसके बारे में कहा तो वह हम सभी के लिए बोले. जैसा मैंने पहले कहा था कि मैं हिंसा का पीड़ित हूं और मैं समझता हूं कि यह कैसा लगता है.' दरअसल, राहुल 1991 में लिट्टे द्वारा अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र कर रहे थे.

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं. मैं परेशान हो जाता हूं जब मैं किसी को आहत होते देखता हूं. इसलिए मैं इसकी 100 प्रतिशत निंदा करता हूं और मैं किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने के 100 फीसदी समर्थन में हूं.'

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा नहीं झेली है, उन्हें लगता है कि हिंसा वही है जो फिल्मों में देखते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, 'ऐसा नहीं है. मैंने उन लोगों को मरते देखा है जिन्हें मैं बहुत प्यार करता था. मैंने उस व्यक्ति (प्रभाकरन) को भी मरते देखा जिसने मेरे पिता को मारा था.' राहुल ने कहा, 'जब मैंने जाफना (श्रीलंका) के तट पर प्रभाकरन को मृत देखा तो मुझे उसके लिए दुख हुआ क्योंकि मैंने उसकी जगह अपने पिता को देखा और अपनी जगह उसके बच्चों को देखा. इसलिए जब आप हिंसा से पीड़ित होते हो तो आप इसे समझते हैं, यह पूरी तरह से आप पर असर डालती है.'