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ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद का 79 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया. वे अरब में सबसे ज्यादा शासन करने वाले सुल्तान थे. सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सरकारी टीवी पब्लिक चैनल के ट्विटर के हवाले से कहा, "रॉयल कोर्ट के दीवान ने शोक तथा तीन दिन तक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में आधिकारिक काम बंद करने तथा अगले 40 दिनों तक झंडा झुकाने की घोषणा की है."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें क्षेत्रीय शांति का प्रतीक बताया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "महामहिम सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है. वह एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने ओमान को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदल दिया." प्रधानमंत्री ने कहा कि सुल्तान काबूस भारत के सच्चे दोस्त थे और उन्होंने भारत तथा ओमान के बीच साझेदारी को मजबूत बनाने में सशक्त भूमिका निभाई.

मीडिया के अनुसार, ओमान पर लगभग आधी सदी तक शासन करने वाले सुल्तान अविवाहित थे और उनका कोई वारिस या नामित उत्तराधिकारी नहीं था. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेल्जियम में स्वास्थ्य जांच और इलाज के बाद पिछले महीने वे स्वदेश लौटे थे.

सुल्तान काबूस ने 1970 में 29 वर्ष की अवस्था में ब्रिटेन के सहयोग से अहिंसक रूप से अपने पिता का तख्तापलट कर दिया था. उसके बाद उन्होंने देश की तेल संपदा का उपयोग कर उसे विकास के मार्ग पर अग्रसर किया था.

सल्तनत के बेसिक स्टेट्यूट के अनुसार, खाली हुए पद को भरने के लिए 50 पुरुष सदस्यों वाले शाही परिवार काउंसिल के सदस्यों को तीन दिन के अंदर नया सुल्तान चुनना चाहिए.

परिवार अगर राजी नहीं होता है तो रक्षा परिषद के सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के चेयरमैन, सलाहकार परिषद और राज्य परिषद एक सीलबंद लिफाफा खोलेंगे, जिसमें सुल्तान काबूस ने गोपनीय रूप से अपनी पसंद का नाम रिकॉर्ड किया था. इसके बाद वे उस व्यक्ति को नए सुल्तान के रूप में नियुक्त कर देंगे.

ओमान में सर्वोच्च निर्णायक सुल्तान होता है. उसके पास प्रधानमंत्री, सैन्य बलों का सुप्रीम कमांडर होता है और उसके पास रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय होते हैं.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.