भारतीय बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रूपये लेकर भागने के आरोपी शराब कारोबारी विजय माल्या के केस में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. लंदन की कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. हालांकि अभी माल्या के पास इस फैसले के खिलाफ 14 दिन के अंदर ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प है.
लंदन कोर्ट का फैसला आने के बाद विजय माल्या ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जज ने जो कहा है, वो आप सभी ने सुना है. जज ने मुझे बताया कि यह लंबी प्रक्रिया है. जज ने यह भी बताया कि मैं इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता हूं.' कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए माल्या ने कहा, 'इसको लेकर कोई हैरानी नहीं है. मेरी लीगल टीम डिस्कस करेगी और आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लेगी. यह एक लंबी प्रक्रिया है.'
Vijay Mallya on UK court orders his extradition to India: My legal team will review the judgement in detail and consider various options and then I will decide going forward. There is nothing to be shocked about pic.twitter.com/Znyy0cPqGN
— ANI (@ANI) December 10, 2018
लंदन में कोर्ट की सुनवाई में जाने से पहले मीडिया से बातचीत में माल्या ने कहा, 'मैंने किसी का पैसा नहीं चुराया. मैंने बैंकों का पूरा पैसा चुकाने की बात की थी. बकाया चुकाने का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है.' माल्या ने पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि उसने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट की पेशकश की थी.
माल्या ने कहा कि कोर्ट जो भी फैसला देगा, उसे उसकी लीगल टीम देखेगी. उसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा. माल्या ने कहा, 'हमने जमा पैसे कर्मचारियों को देने के लिए कोर्ट में कई आवेदन दिए हैं. अगर कोर्ट हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार है, तो मैं कर्मचारियों को भुगतान करने का इच्छुक हूं.'
कोर्ट के फैसले से पहले माल्या ने कहा कि इसका मिशेल के प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है. माल्या ने दलील दी कि हर प्रत्यर्पण अलग होता है. किसी एक केस को दूसरे से मिलाना ठीक नहीं है. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सुनवाई में शामिल होने के लिए भारत की ओर से CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर के नेतृत्व में सीबीआई और ईडी की टीम रविवार को ही लंदन रवाना हो गई थी.
किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक रहे 62 वर्षीय विजय माल्या पिछले साल अप्रैल से बेल पर हैं. अभी तक सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा इस सुनवाई में शामिल हो रहे थे, लेकिन विवाद के बाद अस्थाना से सभी अधिकार वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है. माल्या पर भारतीय बैंकों का तकरीबन 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है.