पंजाब के अमृतसर में निरंकारी समागम में हुए बम धमाके में शामिल संदिग्धों को पकड़वाने वाले को 50 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस इनाम का एलान किया है. सीएम ने कहा कि इस शख्य की पहचान उजागर नहीं की जाएगी.
CM Capt Amarinder Singh announces a reward of Rs 50 lakh for information leading to the arrest of the suspects involved in the #AmritsarBlast. Information can be provided at Police helpline - 181. The identity of the informers will be kept secret: Media Advisor to Punjab CM
— ANI (@ANI) November 19, 2018
इस बीच कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. पंजाब पुलिस के मुताबिक ग्रेनेड अटैक में शामिल पल्सर की पहचान हो चुकी है. इस सिलसिले में पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी है. पुलिस का कहना है कि बहुत जल्द ही इस ग्रेनेड अटैक के गुनहगार कानून की गिरफ्त में होंगे. स्थानीय लोगों को अलर्ट किया गया है. इसके साथ ही गांव वालों से भी सहयोग की अपील की गई है.
कोई भी व्यक्ति संदिग्धों की जानकारी पंजाब पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 181 पर दे सकता है. बता दें कि पंजाब पुलिस को अमृतसर में हुए हैंड ग्रेनेड हमले की पूरी साजिश का सुराग मिल गया है. पुलिस के मुताबिक हमले के पीछे खालिस्तानी समर्थक आतंकियों का हाथ है. आतंकियों ने लोकल मॉड्यूल तैयार करके और पंजाब के लोकल लड़कों को इस्तेमाल करके इस वारदात को अंजाम दिया है.
बता दें कि राजासांसी ब्लास्ट मामले की जांच NIA की टीम कर रही है. NIA की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है. सोमवार सुबह एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंची. टीम ने स्थानीय लोगों से पूछताछ शुरु कर दी है.
NIA team reaches the Nirankari Satsang Bhawan where 3 people were killed and several injured in a grenade blast yesterday #AmritsarBlast pic.twitter.com/G6ltQrMpqW
— ANI (@ANI) November 19, 2018
बम धमाके में पुलिस को अहम सबूत मिले हैं. राजसांसी के निरंकारी समागम में हुए धमाके का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. इसमें निरंकारी भवन पर ग्रेनेड से हमला करने वाले दो बाइक सवार नज़र आ रहे हैं.
मामले की गंभीरता को समझते हुए पंजाब पुलिस के डीजीपी मौके पर हैं. बताया जा रहा है कि दो साल पहले पल्सर बेची गई और इस संबंध में और जानकारी इकठ्ठा की जा रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह हमला आईएसआई के माध्यम से खालिस्तानी/कश्मीरी आतंकी समूहों द्वारा किया गया है. पुलिस टीमों ने कई जगहों पर छापे मारे हैं और उन्हें कुछ संदिग्ध चीजें मिले हैं. जांच एजेंसिया इस मामले की जांच कर रही है.'