ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के 18 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए एआईएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा. पिछले फैसले में अलग-अलग फैसला आया था.
18 AIADMK MLAs disqualification case: Madras High Court upholds Tamil Nadu speaker's decision. pic.twitter.com/YkaikZU3NT
— ANI (@ANI) October 25, 2018
आपको बता दें कि 18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल ने 18 एआईएडीएमके विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. अन्नाद्रमुक के विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर पलनिसामी सरकार में अविश्वास जाहिर किया था. इस पर पार्टी के चीफ विप एस. राजेंद्रन ने स्पीकर से शिकायत की थी. सदस्यता रद्द होने के बाद विधायक हाई कोर्ट चले गए थे. 20 सितंबर 2017 को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को इन विधायकों की सीटें खाली घोषित करने से रोक दिया था.
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम के शशिकला गुट के नेता टीटीवी दिनाकरण ने 18 पार्टी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर के फैसले को बरकरार रखे जाने पर प्रतिक्रिया में कहा, "यह हमारे लिए झटका नहीं है... यह तजुर्बा है, और हम हालात का सामना करेंगे... इन 18 विधायकों से मिलने के बाद भविष्य की रणनीति तय की जाएगी..."
It is not a setback for us. This is an experience, we will face the situation. Future course of action will be decided after meeting with the 18 MLAs: TTV Dinakaran on disqualification of 18 AIADMK MLAs upheld by Madras HC pic.twitter.com/yg1K9VDSLb
— ANI (@ANI) October 25, 2018
जिन 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया था, वह टीटीवी दिनाकरण गुट के माने जाते थे. दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया था वह बंटा हुआ था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एम. सत्यानारायण को इसकी जिम्मेदारी दी थी.
दरअसल, 22 अगस्त 2017 को इन सभी 18 विधायकों ने राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की थी. जिसके बाद ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि दिनाकरण राज्य में एआईएडीएमके की सरकार गिराना चाहते हैं, जिसके बाद ही विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था. जिसके बाद से बहुमत में उनका वोट मान्य नहीं रहा था.
अयोग्य घोषित किए गए विधायकों के नाम थंगा तमिल सेलवन, आर मुरुगन, मारियुप कन्नेडी, के काथीरकमू, सी जयंती पद्मनाभन, पी पलनिअप्पन, वी सेंथिल बालाजी, सी मुथैया, पी वेत्रिवेल, एन जी पार्थीबन, एम कोठांदपानी, टीए एलुमलै, एम रंगासामी, आर थंगादुराई, आर बालासुब्रमणी, एसजी सुब्रमण्यम, आर सुंदरराज और के उमा महेरी हैं.