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ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कस्टडी 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी। नीरव के खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और पीएनबी घोटाला को लेकर केस दर्ज है। कोर्ट ने कहा कि वह अगले मई से उसके प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है।

नीरव (48) को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में विडियो लिंक के जरिये पेस किया उसके प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई अगले साल मई में 11 से 15 मई के बीच चलने की उम्मीद है।

सुनवाई के दौरान ईडी और सीबीआई के अधिकारियों की टीम कोर्ट में मौजूद थी। ब्रिटेन की अदालत के मुताबिक, प्रत्येक 28 दिन के बाद लंबित प्रत्यर्पण की सुनवाई में यह जरूरी होता है।

नीरव मार्च में गिरफ्तार होने के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है। यह इंग्लैंड की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाली जेल है। भारत सरकार के आरोपों पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन महानगर पुलिस) ने नीरव को 19 मार्च को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में है।

नीरव की गिरफ्तारी के बाद से ही सॉलिसिटर आनंद दूबे और बैरिस्टर क्लेयर मॉन्टगोमरी ने चार बार जमानत याचिका दाखिल की है जो हर बार खारिज कर दी गई है।

जमानत याचिका पर जून में हुई सुनवाई के दौरान रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस के जज जस्टिस इंग्रिड सिमलर ने कहा था कि इस बात का पक्का आधार मौजूद है कि मोदी सरेंडर नहीं करता, क्योंकि उसके पास फरार होने के पूरे साधन मौजूद हैं। इसके पहले की सुनवाई में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी यही चिंता जताई थी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।