उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को गाय को 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने वाला प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया. गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी का कहना है कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने के बाद गोवंश का संरक्षण बेहतर ढंग से हो सकेगा. विधानसभा में कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया, हालांकि इसके साथ ही राज्य सरकार को ज़मीन पर ज़्यादा गंभीरता पूर्वक काम करने की सलाह दी.
Dehradun: Uttarakhand assembly yesterday unanimously adopted resolution to declare cow as ‘Rashtra Mata’. Animal Husbandry Minister Rekha Arya, who tabled the resolution, says, 'resolution will be proposed to central govt & I hope that centre will soon take a step in this regard' pic.twitter.com/n5YFaClmv4
— ANI (@ANI) September 20, 2018
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्या ने कहा कि विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव पर सदन का आग्रह है कि केंद्र गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मंजूरी दे. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने के साथ-साथ गाय के संरक्षण का भी प्रयास होना चाहिए.
सदन में विपक्ष के नेता इंदिरा हृदयेश ने कहा, 'गाय को सबसे ऊंचा दर्जा देना अच्छी बात है. लेकिन हमे आए दिन मालूम पड़ता है कि गौशालाओं में ठीक से देखरेख न होने के कारण गायों की मौत हो रही है. गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जा रहा है. कांग्रेस को इससे कोई परेशानी नहीं है पर गाय को सच में इज्जत देने के लिए जमीनी स्तर पर बहुत काम होना है.'
विधानसभा में प्रस्ताव रखने वाली पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारी सरकार गायों की रक्षा के लिए काम कर रही है. हम पूरा राज्य में गायों के लिए आश्रय बनवा रहे हैं. गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देना इसी दिशा में उठाया गया एक और कदम है.
रेखा आर्या ने कहा कि इस प्रस्ताव के पीछे गाय के धार्मिक, आर्थिक और वैज्ञानिक महत्व है. उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को मां का दूध नहीं मिलता तो डॉक्टर भी गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं.
गौरतलब है कि गौ सेवा से जुड़े विभिन्न संगठनों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय गौ क्रांति की अगुवाई में संविधान में संशोधन कर गाय को पशु की श्रेणी से अलग कर राष्ट्रमाता का दर्जा की मांग की थी.