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फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने ऐप से टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी ओला में 150 करोड़ रुपये यानी 2.1 करोड़ डॉलर लगाए हैं. जापान के दिग्गज सॉफ्टबैंक के निवेश वाली ओला 10 करोड़ डॉलर जुटाने जा रही है, जिसकी यह पहली किस्त है. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के पास मौजूद दस्तावेज से यह जानकारी मिली है.

दस्तावेज के मुताबिक, "बंसल ने ओला के 70,588 पूरी तरह और अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय संचयी 'जे सीरीज' के प्रेफरेंशियल शेयर खरीदे." इसमें एक शेयर की कीमत 21,250 रुपये लगाई गई है.

हालिया निवेश में ओला की कीमत 5.7 अरब डॉलर लगाई गई है. पिछले महीने जब पुराने निवेशक स्टीडव्यू कैपिटल ने 520 करोड़ रुपये लगाए थे, तो उस वक्त भी कंपनी की कीमत इतनी ही लगाई गई थी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बंसल कुल मिलाकर ओला में 650 करोड़ा का निवेश कर रहे हैं. 150 करोड़ की फंडिंग उनके निवेश की पहली किस्त मानी जा सकती है. बंसल को दी गई हिस्सेदारी ओला के उस प्लान का हिस्सा है, जिसके जरिए वह 1 बिलियन डॉलर जुटाना चाहती है.

पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु की इस कंपनी ने चीन की टेन्सेंट होल्डिंग्स और सॉफ्टबैंक ग्रुप से 1.1 बिलियन डॉलर जुटाने का ऐलान किया था. यह भी चर्चा है कि ओला का मैनजमेंट अपने 1 बिलियन डॉलर जुटाने के प्लान को 2 बिलियन डॉलर कराने के लिए बातचीत कर रहा है.

ओला का इस वक्त भारतीय मार्केट में अमेरिकी कंपनी उबर से मुकाबला है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूके में भी उसे उबर ही टक्कर दे रही है. भारतीय कंपनी ओला अब आक्रमकता के साथ अपने कारोबार का विस्तार कर रही है. इसके अलावा फूडपांडा के जरिए फूड डिलिवरी ऑपरेशन को भी चला रही है.

ओला में बंसल के निवेश को भारतीय इंटरनेट सेगमेंट में सबसे बड़ा निजी निवेश बताया जा रहा है. वह पहले भी कुछ स्टार्टअप्स में निवेश कर चुके हैं, लेकिन उनमें से किसी में भी बंसल ने 10-20 लाख डॉलर से अधिक नहीं लगाए थे. 37 साल के बंसल को फ्लिपकार्ट में अपनी पूरी 5.5 पर्सेंट हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेचने से 1 अरब डॉलर यानी 7 हजार करोड़ रुपये मिले थे. इस कंपनी को उन्होंने बिन्नी बंसल के साथ मिलकर शुरू किया था. पिछले साल जब वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट को खरीदा, तब सचिन ने अपनी पूरी हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी को बेच दी थी.

सचिन बंसल और भावीश अग्रवाल के बीच यह पहली साझेदारी नहीं है. इससे पहले दोनों ने कहा था कि भारतीय स्टार्टअप्स को ग्लोबल कॉम्पिटीटर्स के मुकाबले 'लेवल प्लेइंग फील्ड' नहीं मिल रही है. बंसल ने दिसंबर 2016 में ग्लोबल कंपनियों को निशाने पर लेते हुए कहा था, 'हमें आपके पैसों की जरूरत है, लेकिन आपकी कंपनियों की नहीं.'

भारतीय इंटरनेट कंपनियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए सचिन और अग्रवाल ने मिलकर IndiaTech.org नाम की संस्था भी शुरू की थी. हालांकि, फ्लिपकार्ट को वॉलमार्ट के खरीदने के बाद वह इससे हट गए थे जबकि ओला अभी भी इसकी मेंबर है.