केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहReuters

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बार जम्मू-कश्मीर में 73वां स्वतंत्रता दिवस मना सकते हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के अनुसार, 14 अगस्त की शाम को शाह श्रीनगर के लिए रवाना होने की योजना बना रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस बार 15 अगस्त के मौके पर श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाएगा। इस मौके पर अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह की जम्मू-कश्मीर में यह पहली यात्रा होगी।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस मुख्यालय में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने अमित शाह की श्रीनगर यात्रा को लेकर अभी कोई पुष्टि नहीं की है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल जो अभी घाटी में मौजूद हैं, 15 अगस्त के दिन लाल चौक पर मौजूद रह सकते हैं।

बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था। अगर केंद्रीय मंत्री अमित शाह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल चौक जाकर तिरंगा फहराते हैं तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का दूसरा ऐतिहासिक कदम होगा। श्रीनगर के बाद अमित शाह 16 और 17 अगस्त को लद्दाख के दौरे पर रहेंगे।

दिल्ली में मौजूद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अमित शाह की श्रीनगर यात्रा संभावित है लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उस यात्रा की तिथियों के बारे में अभी मीडिया में जानकारी नहीं दी जा सकती। ऐसे में यदि अमित शाह श्रीनगर के लालचौक पर 15 अगस्त के दिन तिरंगा फहराते हैं तो यह एक ऐतिहासिक मौका होगा।

रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र 15 अगस्त के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर आंतरिक चर्चा कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस समय घाटी का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से धमकियां मिलने के बावजूद 26 जनवरी 1992 को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ( तब आरएसएस प्रचारक) श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने में सफल रहे थे।

बता दें कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1948 में लाल लौक पर पहली बार तिरंगा फहराया था, तभी से इस जगह का महत्व और अधिक बढ़ गया था।