संसद ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसने वाला कानून पारित कर दिया है. राज्य सभा ने इस कानून (फ्यूजीटिव इकॉनॉमिक ऑफेंडर बिल-2018) को बुधवार को मंज़ूरी दी. लोकसभा इस कानून को एक सप्ताह पहले ही पारित कर चुकी है.
The Fugitive Economic Offenders Ordinance, 2018, passed in Rajya Sabha pic.twitter.com/hDDh2woDTk
— ANI (@ANI) July 25, 2018
कानून के जानकारों के मुताबिक इस कानून के लागू होने के बाद अब देश छोड़कर भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या और हीरा व्यापारी नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा. ऐसे अपराधियों की संपत्तियों को जांच एजेंसियां तुरंत ज़ब्त कर सकेंगी. उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकेंगी. हालांकि इस तरह मामलों में एक पाबंदी भी लगाई गई है कि संबंधित अपराधी 100 करोड़ रुपए से अधिक के आर्थिक अपराध में लिप्त हो और वह देश छोड़कर भाग गया हो तभी उस पर इस कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस कानून से संबंधित विधेयक को इसी साल 21 अप्रैल को मंज़ूरी दी थी. चूंकि उस वक़्त इसे संसद से पारित नहीं कराया जा सका था. इसलिए इसे बाद में अध्यादेश के ज़रिए लागू कर दिया गया था. हालांकि अब संसद से विधेयक पारित होने के बाद अध्यादेश अपने आप रद्द हो चुका है. बहरहाल अब इस कानून के अमल में आने के बाद सबसे पहले इसके लपेटे में माल्या और नीरव मोदी जैसे कारोबारी आने वाले हैं. ये दोनों भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाकर देश छोड़कर भाग चुके हैं.
माल्या पर भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज़ न चुकाने का आरोप है. जबकि नीरव मोदी पर लगभग 13,000 करोड़ रुपए का कर्ज़ चुकाए बिना देश छोड़कर भागने का आरोप है. नीरव मोदी के साथ इसी मामले में उसके रिश्तेदार और साझीदार मेहुल चौकसी भी आरोपित है, जिसके बारे में ख़बर है कि उसने हाल में ही एंटीगुआ का पासपोर्ट हासिल किया है.
नए कानून के तहत आर्थिक अपराधी देश की न्यायिक व्यवस्था की अनदेखी कर विदेश में शरण नहीं ले सकेंगे. इसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों को ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है. यह नया कानून आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने वाली धन शोधन बचाव अधिनियम (पीएमएलए) से भिन्न है.
नए कानून में इससे सबंधित पुराने कानून में मौजूद सभी कमियों को दूर किया गया है, ताकि अपराधियों के लिए कानूनी प्रक्रिया को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा. सरकार ने इस बजट में इस कानून के लाने की घोषणा की थी.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईड़ी) इस कानून से सबंधित जांच की नोडल एजेंसी होगी. विपक्ष के सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि इस कानून में 100 करोड़ के उपर के डिफॉल्टर को सख्ती से निबटने के प्रावधान जरुर है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि 100 करोड़ से कम के आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसेगा. गोयल ने बताया कि इस श्रेणी के अपराधी की निबटारा अलग कानून के तहत होगा.
Fugitive Economic Offenders Bill 2018 was passed in Rajya Sabha today. It will empower Indian authorities to bring back such offenders, seize their assets & stop them from fleeing the country. Watch my concluding remarks on the Bill at https://t.co/mDOx1JMTLY
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 25, 2018