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ANI

मोदी सरकार के साल 2014 में सत्‍ता में आने के बाद विदेशों में जमा भारतीयों के 'कालेधन' में कमी आई है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद स्विस बैंकों में जमा हुई राशि में 2014 से 2017 के बीच 80 फीसद तक की कमी आई है. हालांकि उन्‍होंने साफ किया कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा 'कालाधन' नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद कालेधन पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं.

हालांकि पिछले दिनों खबरें आईं थी कि स्विस बैंकों में भारतीयों का धन बढ़ रहा है, लेकिन पीयूष गोयल ने कहा कि स्विस बैंकों से चर्चा की तो हमें जवाब मिला कि जो आंकड़े भारतीय मीडिया में आए, वो सही नहीं है. वित्‍त मंत्री ने कहा कि मीडिया में आए आंकड़े सच से कहीं दूर हैं. सही आंकड़ों के आधार पर स्विस अथॉरिटी ने कहा कि कर्ज और जमा को मिलाकर कुल भारतीय धन 34-35 फीसद कम हुआ है. इसके साथ ही अथॉरिटी ने बताया कि आखिरी तिमाही में 44 फीसद पैसा कम हुआ है.

राज्यसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद कालेधन पर लगाम लगाने के लिए सख्‍त कदम उठाए गए हैं, जिनका असर देखने को भी मिला है. वित्त मंत्री ने कहा कि स्विस बैंकों के जरिए मांगे जाने पर भी सूचना नहीं दी गईं. उन्होंने सदन को बताया कि 2014 के बाद करीब 4000 से ज्यादा सूचनाएं मांगी गई हैं जिसपर उचित कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब से जो भी भारत की ओर से वहां जमा-निकासी होगी, वो खुद भारत की जानकारी में आ जायेगा.

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आगे कहा कि पहले आई रिपोर्टों के मुताबिक 7000 करोड़ रुपये भारतीयों ने स्विस बैंकों में जमा किया था. हालांकि इसमें वो ट्रांजेक्शन भी शमिल थे जो भारतीय बैंकों की शाखा के ज़रिए किए गए हैं और जो भारत की राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखाओं से स्विस बैंक की शाखाओ में ट्रांसफर हुए हैं.