ऐसे समय में जब देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर लोग एक दूसरे का खून बहाने को तैयार हैं और बाबरी मस्जिद की याद कई लोगों के जेहन में बसी है, इलाहाबाद के मुसलामानों ने पूरे देश को गंगा-जमुनी तहजीब का नायाब संदेश दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, यहां के स्थानीय मुसलमानों ने आगामी कुंभ मेले से पहले चल रहे सड़क चौड़ीकरण के काम में बाधा बने मस्जिदों के हिस्सों को खुद ही गिरा दिया.
Allahabad: Muslims have demolished parts of various mosques in old city area as they were built on govt land, say, 'we have done this by our own will. These sections were built on govt land have been demolished. Govt is widening roads ahead of Kumbh mela & we support it.' pic.twitter.com/9yJHgaqfKb
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2018
गौरतलब है की संगम नगरी में कुंभ के आयोजन के लिए सडक़ों के चौड़ीकरण का काम चल रहा है जिसके तहत नगर में विभिन्न इमारतों को तोड़ा जा रहा है. यहां के मुसलामानों ने कुंभ मेले के लिए सडक़ के चौड़ीकरण का समर्थन करते हुए इबादतगाहों के कुछ प्रमुख हिस्सों को अपने हाथों से तोड़ दिया.
राजपुर में मस्जिद ए कादरी में मुतवल्ली के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सरकारी योजना का समर्थन करते हुए मस्जिद के प्रमुख भाग को तोड़ दिया. तोड़े गए हिस्से में वजूखाना प्रमुख है और कुंभ के नाम पर किसी भी स्थानीय मुसलमान ने इसका विरोध नहीं किया. स्थानीय लोगों ने ने एक स्वर में कहा कि वे कुंभ के लिए होने वाले सडक़ चौड़ीकरण में अपना सहयोग देना चाहते हैं और सिर्फ इसलिए ऐसा किया है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद का चकिया बेहद घनी मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है. जिन सडक़ों का चौड़ीकरण किया जाना है वहाँ पर पहले से ही कुछ मस्जिदें भी मौजूद हैं. जब स्थानीय निवासियों को पता चला कि सडक़ चौड़ीकरण होनी है तो उन लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध करने के स्थान पर इसका समर्थन करना शुरू कर दिया और नगर निगम द्वारा चिह्नित मस्जिदों के कुछ हिस्सों को आपसी सहमति से गिरा दिया गया.