दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल के दफ्तर में धरना देने का अधिकार किसने दिया?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, न्यायालय ने 'आप' से कहा कि केजरीवाल इस तरह से किसी के घर या दफ्तर में घुसकर धरना या हड़ताल नहीं कर सकते.
High Court to Delhi Government Lawyer: This can’t be called a strike. You can’t go inside someone’s office or house and hold a strike there.
— ANI (@ANI) June 18, 2018
दिल्ली के आईएसएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के विरोध में अरविंद केजरीवाल और उनके तीन मंत्री- मनीष सिसौदिया, सत्येंद्र जैन तथा राय बीती 11 जून से एलजी के दफ्तर में धरना दे रहे हैं.
इससे पहले जब सुनवाई शुरू हुई तो दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कल ये बात स्वीकार की थी कि वो मंत्रियों द्वारा बुलाई जा रही बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं. इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने वकील से कहा कि, मुद्दा ये है कि आप धरने पर बैठे हैं. आपको किसने ये अधिकार दिया कि आप इस तरह के धरने पर बैठें?
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं. एक याचिका केजरीवाल के धरने के विरोध में और दूसरी याचिका आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के खिलाफ है. वहीं, एक और याचिका भाजपा नेता विजेंदर गुप्ता की तरफ से दायर की गई है. अदालत इन पर 22 जून को सुनवाई कर सकती है.