केंद्र सरकार द्वारा नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न की सजा और अधिक कड़ी कर दिये जाने के बाद भी ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. यौन उत्पीड़न के एक बिल्कुल अजीब घटनाक्रम में गुरुवार, 24 मई को चंडीगढ़ में एक 34 वर्षीय महिला शिक्षिका को उनसे ट्यूशन पढ़ने आने वाले एक किशोर लड़के के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
फिलहाल मनोवैज्ञानिक परामर्श के दौर से गुजर रहे 14 वर्षीय पीड़ित किशोर का कहना है कि वह पिछले तीन महीनों से उत्पीड़न का सामना कर रहा था. हालांकि घटना और शिक्षिका के बुरे इरादों का पता इसी सप्ताह चल सका.
पीड़ित और एक सरकारी स्कूल में विज्ञान की अध्यापिका आरोपी महिला, चंडीगढ़ के सेक्टर 31 में एक ही काॅलोनी में रहते हैं. चूंकि दोनों परिवार एक-दूसरे को पहले से जानते थे इसलिये किशोरवय लड़का और उसकी छोटी बहन दोनों ही इस महिला से ट्यूशन पढ़ते थे. इन भाई-बहन ने ट्यूशन पढ़ना सितंबर 2017 से शुरू किया था.
हिंदुस्तान टाईम्स ने बच्चों के अधिकारों के लिये काम करने वाली संस्था चाईल्डलाइन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डाॅ. संगीता जुंड के हवाले से लिखा, ''शिक्षिका ने बच्चों के माता-पिता से लड़की को अलग से ट्यूशन भेजने के लिये कहा ताकि वह उनके बेटे की पढ़ाई पर अधिक 'ध्यान केंद्रित' कर सके.''
जुंड ने आगे कहा, ''उन्होंने 2018 के प्रारंभ में लड़के को शारीरिक रूप से लुभाना शुरू कर दिया. इसके अलावा उसने लड़के को निरंतर संपर्क में रहने को एक सिम कार्ड भी दिया.''
हालांकि मार्च के महीने में लड़के का अकादमिक प्रदर्शन काफी बिगड़ गया जिसके चलते उसकी माँ ने उसे उक्त शिक्षिका से ट्यूशन लेने पर रोक लगा दी. इस बीच वह शिक्षिका उसे लेकर काफी अधिकारात्मक हो गई थी.
इस रोक के बाद, 10 और 8 वर्ष की दो बेटियों की माँ, आरोपी शिक्षिका ने अप्रैल के महीने में लड़के के माता-पिता से संपर्क कर उसे एक बार फिर पढ़ाई के लिये भेजने को कहा. उनके द्वारा इंकार करने पर उसने एक आखिरी बार लड़के से अपने घर पर मिलने देने का आग्रह किया. उसके आग्रह के बाद जब सोमवार, 21 मई को पीड़ित का परिवार शिक्षिका के घर गया तो वह उनके साथ लड़ने-झगड़ने लगी.
उसने लड़के को अपने घर के एक कमरे में बंद कर लिया और उसे छोड़ने से स्पष्ट इंकार कर दिया. उस समय आरोपी महिला के परिजन भी घर पर मौजूद थे.
जुंड ने बताया, ''उसने अपने पति से भी इस मामले से दूर रहने को कह दिया और लगातार चिल्लाती रही कि लड़का उसके साथ ही रहेगा.'' इसके बाद जब उसके पड़ोसियों ने हस्तक्षेप किया तो लड़के को उसके चुगुल से छुड़वाया जा सका.
मामला इतने पर ही खत्म नहीं हुआ. इसके बाद आरोपी शिक्षिका ने लड़के के घर पर धावा बोल दिया और जर्बदस्ती अंदर घुस गई और वहां पर रखी कफ सिरप की एक पूरी बोतल पी गई और उनसे कहने लगी कि वह आत्महत्या कर रही है.
इसके बाद लड़के के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और महिला को सोमवार की देर शाम अस्पताल ले जाया गया. बुधवार को लड़के के परिजनों से चाईल्डलाइन से संपर्क किया जिसके बाद पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया.
आरोपी शिक्षिका को गुरुवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यासिक हिरासत में भेज दिया गया. उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हालांकि यह ट्यूटरों द्वारा बच्चों के यौन उत्पीड़न की कोई पहली घटना नहीं है.
अगस्त 2017 में भी उत्तर प्रदेश के आगरा में एक 15 वर्षीय लड़के का शिक्षिका और उसकी बहन द्वारा कथित रूप से नौ महीने तक यौन उत्पीड़न किया गया था.
एक और घटना में उत्तर प्रदेश के ही मुजफ्फरनगर में 2017 में शिक्षक दिवस के दिन एक कोचिंग संस्थान के शिक्षक ने अपनी छात्रा के साथ बलात्कार का प्रयास किया था. सौभाग्य से लड़की अपने पास मौजूद कंपास से 32 वर्षीय आरोपी शिक्षक पर हमला कर वहां से भागने में सफल रही.