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यस बैंक लिमिटेड के संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक, राणा कपूरWikimedia Commons

मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। इसके अलावा सीबीआई ने यस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं। सूत्रों ने रविवार को बताया कि अधिकारियों ने इस बारे में किसी टिप्पणी से इनकार किया है, क्योंकि जांच एजेंसी किसी भी छापामारी से पहले पूरी गोपनीयता बरतना चाहती है।

प्रवर्तन निदेशालय ने 62 वर्षीय कपूर को लगभग 30 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत रविवार तड़के करीब तीन बजे गिरफ्तार किया।

ईडी ने कपूर को रविवार सुबह मुंबई की एक अवकाश अदालत के समक्ष पेश किया, जिसने उसे बुधवार, 11 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया।

कपूर को रविवार सुबह विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया और बुधवार तक के लिए तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने जांच के क्रम में पिछले दो दिनों में वर्ली के समुंद्र महल स्थित में कपूर के घर पर छापा मारा।

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Twitter / @ANI

सूत्रों ने सीबीआई जांच की प्रकृति के बारे में आगे बताने से इनकार किया- क्या यह शुरुआती जांच है या एक एफआईआर, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि औपचारिक जांच शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है।

एक सूत्र ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार से ग्रस्त डीएचएफएल और यस बैंक के संबंधों की सीबीआई जांच कर रही है। इस जांच में एक तीसरी कंपनी को शामिल कर किए गए आपत्तिजनक वित्तीय लेनदेन शामिल हैं।

ईडी ने कहा कि कपूर के परिवार द्वारा संचालित कुछ कंपनियों की भूमिका स्थापित किए जाने और इन सभी लोगों का आरोपी से आमना-सामना कराए जाने की जरूरत है। बचाव पक्ष के वकील ने हालांकि कहा कि कपूर को ईडी ने चुनकर निशाना बनाया है, जबकि वह जांच एजेंसी से सहयोग कर रहे हैं। कपूर को निजी बैंक के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितता और कुप्रबंधन के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था और भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार ने इसके कामकाज को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं।

बताते चलें कि ईडी की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो बताते हैं कि कपूर परिवार की लंदन में कुछ संपत्ति है। अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है।

ईडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है. जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी. कंपनी को यह राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) से जुड़ी इकाई से मिली थी।

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सांकेतिक तस्वीरPTI

कपूर से जुड़ी कंपनी डीओआईटी अरबन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि. कथित रूप से यह कोष प्राप्त किया। यह कोष उस समय प्राप्त किया गया जब 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज डीएचएफएल को दिया गया था। डीएचएफएल के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच जारी है।

सूत्रों के अनुसार, बैंक ने फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। एजेंसी को संदेह है कि 600 करोड़ रुपये का कोष कथित रिश्वत का हिस्सा हो सकता है। यह राशि एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिए उस कंपनी को मिली जिसका नियंत्रण कपूर परिवार के पास था। अधिकारियों ने कहा कि ईडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान दे रही है।

छापेमारी के दौरान राणा कपूर उनकी पत्नी बिंदु तथा तीनों बेटियों के निवास की तलाशी ली। जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली। इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिए किया जाता था। इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिली हैं। इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया।

(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)