बेटों ने पेंशन लेते रहने को मृत माँ के शरीर को किया संरक्षित. (सांकेतिक तस्वीर)
बेटों ने पेंशन लेते रहने को मृत माँ के शरीर को किया संरक्षित. (सांकेतिक तस्वीर)क्रिएटिव कॉमन्स

भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक बेहद चैंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें चार बेटों ने अपनी 70 वर्षीय माँ की मौत के बाद उसके मृत शरीर को केमिकल लगाकर पांच महीने तक सिर्फ इसलिये संरक्षित करके रखा ताकि वे उसकी आने वाली मासिक पेंशन लेते रहें.

मृत महिला के बेटों ने उनके मृत शरीर को इसलिये संरक्षित करके रखा क्योंकि उन्हें बैंक से पेशन की निकासी के लिये उनके अंगूठे के निशान की जरूरत होती थी. पुलिस ने बताया कि घटना का खुलासा तब हुआ जब एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें सूचना दी कि आरोपियों ने कबीर नगर के अपने मकान मेें अपनी माँ के मृत शरीर को संरक्षित करके रख रखा है.

भेलूपुर के सर्किल आॅफिसर एपी सिंह ने हिंदुस्तान टाईम्स को बताया, ''एस स्थानीय नागरिक ने पुलिस को सूचना दी कि अमरावती देवी की मौत 13 जनवरी को ही हो गई थी लेकिन उनके परिजनों ने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को उनकी मौत की सूचना नहीं दी और इस बात को छिपाया है.''

अमरावती देवी को कुछ वर्ष पूर्व पति की मौत होेने के बाद से 13,000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिलती थी. पड़ोसियों के अनुसार उनके पति सीमा शुल्क विभाग में अधीक्षक थे.

इस युगल के पांच बेटे और एक बेटी थे. उनके चार बेटे - रवि प्रकाश, लाले प्रकाश, टीनू और गिरीश - और बेटी विजय लक्ष्मी माँ के साथ ही रहते थे जबकि उनका पांचवा बेटा ज्योति प्रकाश अलग रहता था.

एक पड़ोसी ने अंग्रेजी दैनिक को बताया कि जनवरी में देवी की तबीयत काफी खराब हुई थी जिसके बाद उन्हें बनारस विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

पड़ोसी ने बताया, ''उनकी हालत में कोई सुधान न होता देखकर परिवार उन्हें वापस घर ले आया जहां 13 जनवरी को उनकी मौत हो गई. शुरूआत में उनके परिवार ने उनकी मौत की घोषणा की लेकिन बाद में उनके एक बेटे ने दावा किया कि उसने हाथों में हलचल देखी है और वे अभी भी जीवित हैं. इसके बाद परिवार ने दावा किया कि वे कोमा में हैं.''

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी बेटों ने मृत शरीर को संरक्षित करने के लिये न सिर्फ रसायनों का इस्तेमाल किया बल्कि वे शरीर के सड़ने से होने वाली गंध को छिपाने के लिये लगातार लोबान भी जलाते रहे.

हर महीने पेशन लेते रहने के लिये शरीर को संरक्षित कर रखा गया. (सांकेतिक तस्वीर)
हर महीने पेशन लेते रहने के लिये शरीर को संरक्षित कर रखा गया. (सांकेतिक तस्वीर)इंद्रनील मुखर्जी/एएफपी/गेटी इमेजेस

हालांकि पुलिस को मौके से देवी के हस्ताक्षर वाले पांच ब्लैंक चेक और उनके अंगूठे पर स्याही के निशान मिले हैं, उनके बेटे खुद के निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं. रवि ने अपनी माँ के जीवित होने को लेकर वही बात दोहराई जो उनके पड़ोसी ने कही थी और पुलिस को बताया कि देवी कोमा में हैं. उसने यह भी कहा कि वे रोजाना अपनी माँ को दवाईयां और दूध भी दे रहे हैं.

इस बीच पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अमरावती देवी के मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है.

सर्किल आॅफिसर ने कहा, ''हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद ही उचित धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा.''