
आंध्र प्रदेश में 7 मई को हुई कत्ल की एक घटना ने लोगों को भीतर तक झझकोर कर रख दिया, जिसमें एक नवविवाहिता ने कथित रूप से अपने पति की हत्या सिर्फ इसलिये करवा दी क्योंकि वह सोशल नेटवर्किंग साईट फेसबुक पर मिले एक व्यक्ति के साथ अपना जीवन बिताना चाहती थी.
आरोपी महिला, जिसकी पहचान सरस्वती के रूप में हुई है, का विवाह 10 दिन पूर्व ही रिश्ते के ममेरे भाई यामाका शंकर राव से हुआ था. लेकिन वह अपने पति के साथ खुश नहीं थी और अपने फेसबुक फ्रेंड शिवा के साथ रहना चाहती थी. कहा जा रहा है की सरस्वती की शिवा से मुलाकात विशाखापत्तनम में पढ़ाई के दौरान हुई थी और दोनों तभी से एक दूसरे को प्यार करने लगे थे.
आईएएनएस के अनुसार, वह शादी के बाद भी शिवा के संपर्क में रही और आखिरकार दोनों ने एक साथ रहने के लिये राव की हत्या करने की योजना बनाई.
सोमवार की रात को सरस्वती और राव खरीददारी करके घर वापस लौट रहे थे. योजना के अनुसार चलते हुए महिला ने अपने पति को लघुशंका के बहाने बाईक रोकने को कहा. जैसे ही वह फारिग होने झाड़ियों के पीछे गई कथित रूप से तीन लोग एक आॅटो में बैठकर आए और राव पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया.
इसके बाद सरस्वती ने अपनी चूड़ियों के तोड़ दिया और जेवरों को छिपा दिया और पति पर हमले और खुद के साथ लूट की वारदात होने का शोर मचाया.
पुलिस ने प्रथमदृष्टया लूट के लिये हत्या का मामला दर्ज किया लेकिन जांच के दौरान पाया कि मामला इतना सीधा नहीं है. हालांकि सरस्वती और शिवा एक दूसरे के प्यार में अंधे हो चुके थे और शायद उन्हें लगा था कि उनकी योजना का किसी को नहीं पता चलेगा, पुलिस ने इस मामले को कुछ ही घंटों में सुलझाते हुए प्रेमी युगल को मंगलवार, 8 मई को गिरफ्तार कर लिया.
मुंबई मिरर ने पुलिस अधीक्षक पी पाला राजू के हवाले से लिखा, ''प्रारंभ में हमने लूट के इरादे से हत्या की प्राथमिकी दर्ज की. हालांकि जांच के दौरान जब अधिकारियों ने महिला से विस्तार से पूछताछ की तो उसने लगातार विरोधाभासी बयान दिये, जिसके चलते हमारा शक उसके प्रति गहरा गया.''
पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि तिकड़ी ने उसी दिन तीन और बार राव को मारने की कोशिश की थी लेकिन उसके हर बार भीड़ में होने के चलते वह कामयाब नहीं हो पाए. आखिरकार उनकी योजना तब सफल हुई जब सरस्वती ने एक सुनसान जगह पर उसकी बाईक रुकवाई.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ''रास्ते में उसने एक और बार बाईक रुकवाई थी लेकिन अन्य वाहनों का आवागमन होने के चलते वे अपनी साजिश को अंजाम नहीं दे सके. बाद में उसने एक बिल्कुल सुनसान जगह पर बाईक रुकवाई और आखिरकार योजना को अमली जामा पहनाया गया.''