हैदराबाद में एक ऐप के डिलीवरी ब्वाय के मुस्लिम होने के कारण खाना लेने से कथित तौर पर इंकार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज की है।
पुलिस इंस्पेक्टर पी. श्रीनिवास ने कहा कि स्विगी के कर्मचारी मुदस्सिर सुलेमान ने बुधवार को एक शिकायत की थी। इसमें उसने कहा था कि एक ग्राहक ने आर्डर करने के बाद खाना लेने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि डिलीवरी ब्वॉय मुस्लिम था।
पुलिस अधिकारी ने 'पीटीआई' को बताया, ''हमलोग उपभोक्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर रहे हैं और जल्द प्राथमिकी दर्ज कर ली जायेगी।''
इस बीच डिलीवरी ब्वॉय ने मामला एक मुस्लिम संगठन मजलिस बचाओ तहरीक के अध्यक्ष अमजद उल्ला खान के सामने उठाया, जिन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर मामले को पोस्ट किया।
उन्होंने बताया, ''उपभोक्ता ने चिकेन-65 का ऑर्डर दिया था और हिंदू डिलीवरी ब्वॉय भेजने का अनुरोध किया था लेकिन स्विगी ने डिलीवरी पार्सल मुस्लिम लड़के के हाथ भेज दिया... जिसके बाद उपभोक्ता ने पार्सल लेने से इनकार कर दिया।''
संपर्क किये जाने पर स्विगी ने एक बयान में कहा, ''...हमलोग विविधता को स्वीकार करते हैं और हर तरह के विचार का आदर करते हैं। जगह और उपलब्धता के आधार पर हर ऑर्डर स्वत: डिलीवरी एक्जेक्यूटिव को मिल जाता है। ऑर्डर किसी व्यक्ति की प्राथमिकता के आधार पर नहीं दिया जाता है। एक संगठन के तौर पर हमलोग अपने सहयोगियों और उपभोक्ताओं के बीच किसी आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं।''
बहरहाल खाने का ऑर्डर स्वीकार नहीं करने वाले उपभोक्ता से संपर्क नहीं हो सका। खान ने बताया कि दिलचस्प है कि खाने का ऑर्डर जिस रेस्त्रां से भेजा गया था वह भी कोई मुस्लिम ही चलाता है।
मध्यप्रदेश में एक अन्य फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के साथ हुए ऐसे ही मामले के करीब एक महीना बाद यह घटना सामने आयी है। जोमैटो के एक उपभोक्ता ने खाने का ऑर्डर इसलिए नहीं लिया था क्योंकि उसे कोई गैर-हिंदू लेकर आया था।
हालांकि कंपनी ने उसकी शिकायत का समाधान करने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि खाने का कोई धर्म नहीं होता। किसी अन्य डिलीवरी ब्वॉय को भेजने के उसके अनुरोध पर जोमैटो ने ट्वीट किया : ''खाने का कोई धर्म नहीं होता। यह एक धर्म है।'' कंपनी के इस जवाब की कई लोगों ने प्रशंसा की।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.