
एक तरफ तो जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती आतंकियों से रमजान के दौरान भारतीय पक्ष की ओर से किये जा रहे युद्धविराम के बदले शांति की बात कह रही हैं वहीं ऐसा लगता है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का ऐसा कोई विचार नहीं है.
निडरता की पराकाष्ठा को पार करते हुए गुरुवार 17 मई को इस समूह ने तीन सरकारी असलहों के फोटो आॅनलाइन पोस्ट किये जिन्हें कथित रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस से लूटा गया था. ज़ी मीडिया की एक खबर के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन ने तीन राईफलों को प्रदर्शित करती यह तस्वीरें फेसबुक पर 'हमज़ाी हबीबी' नाम के एक पेज के जरिये डालीं.
लूट की यह घटनो 17 मई को श्रीनगर के एक होटल के गार्ड पोस्ट की है और राईफलों को संभालने वाले पुलिसकर्मियों ने मुख्यालय को बताया कि आतंकियों के एक समूह ने उनकी पोस्ट पर हमला किया और उनके हथियार लूट लिये.
सबसे आश्चर्य बात यह है कि इस घटनास्थल के बेहद भीड़भाड़ वाले स्थान पर होने के बावजूद इस घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है और प्रारंभिक जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि पुलिसकर्मियों ने आतंकियों का बिल्कुल भी प्रतिरोध भी नहीं किया.
एक तरफ जहां घटना की सत्यता और किसी प्रत्यक्षदर्शी के न होेने के चलते घटना को संदिग्ध माना जा रहा है वहीं इन पुलिसकर्मियों में से दो को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया है जबकि तीसरे की तलाश प्रारंभ कर दी गई है. इस घटना ने पूरे सरकारी अमले के माथे पर पेशानी ला दी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के चलते पूरे जम्मू-कश्मीर राज्य की सुरक्षा-व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया था.
रमजान के दौरान युद्धविराम
भारतीय सरकार ने सोनवार, 17 मई को रमजान के पाक महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर राज्य में सशर्त युद्धविराम की घोषणा की थी. ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि आतंकवादियों समेत सभी इसमें सहयोग करेंगे ताकि राज्य के मुसलमान शांतिपूर्वक रोजे रख सकें. केंद्र सरकार ने इस दौरान सुरक्षा बलों से अपनी तरफ से कोई सैन्य अभियान शुरू न करने को कहा था लेकिन राथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया था कि अगर राज्य की निर्दोष जनता की जान पर खतरा आता है तो सैन्य बल खुलकर कार्रवाई कर सकते हैं.
The Centre asks Security Forces not to launch operations in Jammu & Kashmir during the holy month of Ramzan. Decision taken to help the peace loving Muslims observe Ramzan in a peaceful environment.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
HM Shri @rajnathsingh has informed the Chief Minister, J&K of Centre’s decision.
हालांकि ऐसा लगता है कि आतंकवादियों को इस युद्धविराम की कोई परवाह नहीं है और उन्होंने इसक एक दिन बाद ही 18 मई को आरएस पुरा में गोलीबारी करते हुए दो नागरिकों को घायल कर दिया.