बकरीद के मौके पर हरियाणा के रोहतक के टिटौली गांव में गोवंश की हत्या से खफा पंचायत ने फरमान जारी किया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग सार्वजनिक स्थल पर नमाज नहीं पढ़ेंगे. इसके अलावा पंचायत में फैसला हुआ की वे टोपी भी नहीं पहनेंगे आैर अपने बच्चों के नाम भी पहले की तरह ही हिंदी वाले रखेंगे, अरबी या फारसी वाले नहीं. इसके साथ ही पिछले दिनों बकरीद पर गोवंश की हत्या करने वाले के गांव में प्रवेश पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है.
बता दें कि टिटौली गांव में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लाेगों में अधिकतर पेशे से धोबी हैं. गांव में हुई इस पंचायत में लगभग 500 लोग शामिल हुए, जिनमें मुस्लिम भी थे. गांव में सरकारी स्कूल क पास पिछले 22 अगस्त को एक बछड़ी की हत्या कर दी गई थी जिसका आरोप गांव के यामीन नामक युवक पर है. इसे लेकर ही मंगलवार शाम को करीब पौने चार बजे पंचायत शुरू हुई जिसमे एक कमेटी बनाई गई. कमेटी ने अपना फैसला पंचायत के समक्ष रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी पंचायत द्वारा किए गए फैसलों पर सहमति प्रकट की. इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के ही जयवीर ने गोशाला के लिए 11 हजार रुपये भी दान में दिए. जयवीर उस पीढ़ी के हैं, जिनके नाम हिंदुओं की तरह हैं.
पंचायत में लिए गए फैसले
- गांव में सार्वजनिक स्थल पर न तो कोई नमाज पढ़ेगा और न कोई बाहर से नमाज पढ़ाने आएगा
- मुस्लिम समाज में बच्चे का नामकरण पहले की तरह हिंदी शब्दों में किए जाएंगे
- गांव के युवक बड़ी दाढ़ी नहीं रख सकेंगे।
- कब्रिस्तान की जमीन को धान की कटाई के बाद पंचायत में शामिल किया जाएगा। बाद में पंचायत कब्रिस्तान के लिए अलग से जमीन देगी।