सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई के 32 वें दिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, "अगर 4 हफ्ते में हमने फैसला दे दिया तो ये एक चमत्कार की तरह होगा।"
इस बात पर जोर देते हुए कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सभी बहस 18 अक्टूबर तक पूरी हो जानी चाहिए, सीजेआई गोगोई ने हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों से कहा कि वे अपनी जिरह के लिए समय सीमा का सख्ती से पालन करें।
शीर्ष अदालत ने साफ किया कि सुनवाई पूरी करने की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी। बता दें कि अबतक 31 दिनों की सुनवाई शीर्ष अदालत में हो चुकी है। हिंदू पक्षकारों ने अपनी दलीलें रख दी हैं और मुस्लिम पक्षकार की दलीलें जारी हैं।
Ayodhya land dispute case: Supreme Court said that it cannot give an extra day after October 18 for parties to complete their submissions in the case. Today is the 32nd day of hearing in the case. pic.twitter.com/Bj7H67fXrO
— ANI (@ANI) 26 September 2019
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों वाली एक संविधान पीठ उस मामले में रोजाना सुनवाई कर रही है जिसमें हिंदू और मुस्लिम पक्ष एक-दूसरे के दावों को लेकर अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि के स्वामित्व की मांग कर रहे हैं।
सीजेआई गोगोई, जिनका कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त होने वाला है, ने कहा कि सभी पक्षों के पास इस काम को पूरा करने के लिए साढ़े 10 दिन का समय है।
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों से कहा कि आज का दिन मिलाकर 18 अक्टूबर तक हमारे पास साढ़े 10 दिन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आगाह करते हुए कहा कि अगर 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी नहीं होती है, तो फैसला आने की उम्मीदें कम हो जाएंगी।
संविधान पीठ ने मुस्लिम पक्षकार और हिंदू पक्षकार को बहस के लिए समयसीमा तय कर दी है। कोर्ट के अनुसार, ज्यादातर दलीलें 4 अक्टूबर तक पूरी हो जाएंगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट दशहरा की छुट्टियां हो जाएंगी। कोर्ट 14 अक्टूबर को फिर खुलेगा। ऐसे कोर्ट के पास सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर तक 5 और दिन बचेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस बात पर टिप्पणी कर चुके हैं कि सभी पक्षों को कोशिश करनी चाहिए कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो सके। इसके बाद क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को एक महीने का वक्त इस मसले का फैसला लिखने के लिए चाहिए होगा।
चीफ जस्टिस के इसी बयान के बाद सर्वोच्च अदालत ने इस मामले की सुनवाई का समय बढ़ा दिया था। सुप्रीम कोर्ट में अब रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद हफ्ते में पांच दिन सुना जा रहा है, साथ ही साथ इस मसले को अदालत रोजाना एक घंटा अधिक सुन रही है।
यानी सुनवाई अब शाम 5 बजे तक सुनवाई की जा रही है। अदालत ने इस मामले में ये भी कहा था कि अगर जरूरत पड़ती है तो अदालत शनिवार को भी सुनवाई कर सकती है।