यूनाईटेड किंग्डम में एक व्यक्ति सेप्सिस की चपेट में आ गया और दांत से अपने नाखून चबाने के बाद उसकी जान लगभग चली ही गई थी.
द सन के अनुसार, साथपोर्ट के बिर्कउेल के 28 वर्षीय ल्यूक हनोमेन को ठंडे पसीनों और कंपकंपी जैसे फ्लू के लक्षणों का अनुभव होना प्रारंभ हुआ. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डाॅक्टरों ने कहा कि वे ''काफी भाग्यशाली हैं जो अबतक जीवित हैं.''
बाद में उनका सेप्सिस का ईलाज किया गया और उन्हें चार दिन अस्पताल में ही बिताने पड़े. हनोमेन ने द सन को बताया, ''वह बहुत डरावना था. मेरी दोनों बाहों पर ड्रिप लगे हुए थे और मैं 24 घंटों की निगरानी में था. उन्होंने बताया कि इतने अधिक समय तक इससे पार पाने के चलते मैं काफी भाग्यशाली था. मैं सेप्टिक होने के बिल्कुल मुहाने पर था.''
समाचार पत्र के साथ वार्ता के दौर हनोमेन ने बताया कि वे हर समय अपनेे दांतों से अपने नाचाून कुतरते रहते थे जिसके चलते वे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आए.
उन्होंने द सन को बताया, ''मैं हर समय अपने नाखून चबाता रहता था. यह काफी परेशान करने वाला था. और एक दिन मैंने अपने नाखून के पड़ोस की त्वचा को भी काट दिया. उस सम थोड़ा सा दर्द हुआ लेकिन मैंने उस ओर ध्यान नहीं दिया. मैं पूरे सप्ताह अपने काम में लगा रहा और फिर मुझे फ्लू जैसे लक्षण महसूस होने लगे जो धीरे-धीरे बद्तर होते जा रहे थे.''
2 बच्चों के पिता 28 वर्षीय हनोमेन आगे बताते हैं, ''मुझे ठंडे पसीने आ रहे थे, मैं कांप रहा था और फिर अचानक गर्मी लग रही थी. इसके बाद मेरी उंगली सूजने लगी और उसमें असहनीय दर्द होने लगा. मेरी स्थिति वास्तव में अजीब सी होती जा रही थी और मैं ध्यान नहीं केंद्रित कर पा रहा था.''
सेप्सिस क्या है?
मायो क्लीनिक के अनुसार, सेप्सिस ''संभावित रूप से संक्रमण की एक जानलेवा जटिलता है. सेप्सिस तब होती है जब संक्रमण से लड़ने के लिये पूरे शरीर में रक्त प्रवाह में छोड़े गए रसायन नकारात्मक प्रतिक्रिया देने लगते हैं. इन नकारात्मक प्रतिक्रियाओं के चलते कई ऐसे परिवर्तन होते हैं जो विभिन्न अंग प्रणालियों को नुकसान पहुंचाते हुए उन्हें बिल्कुल खत्म कर सकते हैं.''
नेश्नल हेल्थ सर्विस के अनुसार सालाना 37,000 हजार लोग सेप्सिस के चलते मरते हैं. दुनियाभर में लगभग 1.5 मिलियन लोगों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले चुकी है.
सेंटर्स फाॅर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन (सीडीसी) की एक रपट के अनुसार अकेले अमरीका में ही 250,000 लोग इस बीमारी के चलते मर चुके हैं.
अगर किसी को संक्रमण हो रहा हो या फिर ऐसा महसूस हो रहा हो कि सबकुछ ठीक नहीं है या फिर आप खुद को पहले के मुकाबले अस्वस्थ महसूस कर रहे हों तो पूछने के लिये तैयार रहेंः हो सकता है कि ये सेप्सिस के लक्षण हों.