सेना के राजनीतिकरण को लेकर पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखे जाने की खबरों पर विवाद शुरू हो गया है। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने इन खबरों का खंडन करते हुए ऐसे किसी भी पत्र के मिलने से इनकार किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से मिली जानकारी में कहा गया है कि पूर्व सैनिकों द्वारा लिखित कोई भी खत राष्ट्रपति भवन को नहीं मिला है।
Rashtrapati Bhavan Source denies receiving any letter supposedly written by armed forces veterans to the President which is circulating in the media. pic.twitter.com/rOWedMumsk
— ANI (@ANI) April 12, 2019
गुरुवार शाम कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि 3 पूर्व सेना प्रमुखों समेत 156 पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति को खत लिखा है, लेकिन पूर्व आर्मी चीफ एस.एफ रॉड्रिग्स और एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने ऐसी किसी चिट्ठी के लिए अपनी सहमति से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने किसी भी तरह के हस्ताक्षर करने से भी इनकार किया है।
पूर्व आर्मी चीफ एस.एफ रॉड्रिग्स ने समाचार एजेंसी एएनआई से ऐसी किसी चिट्ठी के बारे में जानकारी से ही इनकार किया है। गौरतलब है कि पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम से सर्कुलेट हो रही चिट्ठी में उनका पहला नाम बताया जा रहा था।
पूर्व आर्मी चीफ रॉड्रिग्स ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि यह सब क्या है। मैं अपनी पूरी जिंदगी राजनीति से दूर रहा हूं। 42 साल तक अधिकारी के तौर पर काम करने के बाद अब ऐसा हो भी नहीं सकता। मैं हमेशा भारत को प्रथम रखा है। मैं नहीं जानता कि यह कौन फैला रहा है। यह फेक न्यूज का क्लासिक उदाहरण है।'
#WATCH Goa: General SF Rodrigues who is mentioned as the first signatory in the purported letter written by armed forces veterans to President, denies signing it. pic.twitter.com/h1PNBCV909
— ANI (@ANI) April 12, 2019
यही नहीं रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी समाचार एजेंसी एएनआई से ऐसी किसी चिट्ठी पर साइन करने की बात से इनकार किया है। एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने कहा, 'यह एडमिरल रामदास की ओर से लिखा लेटर नहीं है। इसे किसी मेजर चौधरी ने लिखा है। उन्होंने इसे लिखा है और यह वॉट्सऐप और ईमेल किया जा रहा है। ऐसे किसी भी खत के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई थी। इस चिट्ठी में जो कुछ भी लिखा है, मैं उससे सहमति नहीं हूं। हमारी राय को गलत ढंग से पेश किया गया है।'
Air Chief Marshal NC Suri to ANI: This is not Admiral Ramdas’ letter (purported letter written by armed forces veterans to President) & it has been done by some Major Chaudhary. He has written this & it was coming on WhatsApp & emails. 1/2 pic.twitter.com/hWeg3apB4M
— ANI (@ANI) April 12, 2019
पूर्व सेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडु का नाम कथित चिट्ठी में 20वें नंबर पर है। उन्होंने कहा, 'नहीं इस तरह के किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई और न ही मैंने कोई पत्र लिखा है।'
Former Army Vice Chief Lt General ML Naidu( who is mentioned at 20th in the list of armed forces veterans who purportedly wrote letter to President): No, my consent has not been taken for any such letter and neither have I written any such letter. (file pic) pic.twitter.com/v8H35Hp2WN
— ANI (@ANI) April 12, 2019
दूसरी तरफ मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ जिनका नाम 31वें नंबर पर है ने पत्र लिखने की बात स्वीकार करते हुए कहा, 'हां मैंने पत्र में हस्ताक्षरकर्ता होने के लिए अपनी सहमति दी है। मैंने इसकी सामग्री जानने के बाद ही अपनी सहमति दी थी।'। इसके अलावा पूर्व आर्मी चीफ शंकर रॉय चौधरी ने भी खत लिखे जाने की बात स्वीकारी है।
Major General Harsha Kakkar (who is 31st on the list of armed forces veterans who purportedly wrote letter to President): Yes, I had given my consent for being a signatory to the letter. I had given my consent only after knowing the contents of it. (file pic) pic.twitter.com/o8rqGfqyAp
— ANI (@ANI) April 12, 2019
शुक्रवार दोपहर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेना के पूर्व अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति को लिखी गई इस कथित चिट्ठी पर कहा, '2 लोगों ने कहा है कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है। यह चिंताजनक है कि फर्जी लेटर पर एक खास समूह के द्वारा हस्ताक्षर किया गया है। यह निंदनीय है, राष्ट्रपति भवन ने भी कहा है कि उन्हें ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है।'
#WATCH Nirmala Sitharaman on purported letter to Pres signed by Armed Forces veterans: 2 senior officers said they haven't given consent,worrying that fake letters being signed by vested groups.Condemnable. Rashtrapati Bhawan has also said that they have not received the letter. pic.twitter.com/VQdWhbgKh5
— ANI (@ANI) April 12, 2019
बता दें कि गुरूवार से खबरें आ रही हैं कि सेना के आठ पूर्व प्रमुखों और 148 अन्य पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सशस्त्र सेनाओं का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने पर आक्रोश जताया। पत्र पर जिन लोगों के हस्ताक्षर की बात कही जा रही है उनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रॉड्रिग्ज, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एनसी सूरी शामिल हैं।
खबरों में दावा किया जा रहा है कि तीन पूर्व नौसेना प्रमुखों एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरुण प्रकाश, एडमिरल (सेवानिवृत्त) मेहता और एडमिरल (सेवानिवृत्त) विष्णु भागवत ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। पत्र गुरूवार को राष्ट्रपति के पास भेजा गया। पूर्व सैनिकों ने लिखा, 'महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को 'मोदी जी की सेना' बताने का दावा तक कर रहे हैं।'
पूर्व सैनिकों ने कहा कि सेवारत तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के बीच यह चिंता और असंतोष का मामला है कि सशस्त्र सेनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडा चलाने के लिए किया जा रहा है। पत्र में पूर्व सैनिकों ने चुनाव प्रचार अभियानों में भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान और अन्य सैनिकों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी नाखुशी जताई है।