चौतरफा बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 2,713 अंक का गोता लगा गया। यह दूसरा मौका है जब अंकों के आधार पर सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट आयी है। कोरोना वायरस माहामारी की चिंता में एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट के साथ घरेलू बाजार में भी गिरावट रही।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 2,713.41 अंक यानी 7.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 757.80 अंक यानी 7.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,197.40 अंक पर बंद हुआ।
अंकों के आधार पर सेंसेक्स में यह एक दिन में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले, 12 मार्च को सेंसेक्स ओर निफ्टी क्रमश: 2,919.26 अंक तथा 868.25 अंक टूटे थे।
चीन में कारखाना उत्पादन और खुदरा बिक्री आंकड़ा कमजोर रहने के बाद एशियाई बाजारों में जोरदार गिरावट आयी है। इससे आशंका बढ़ी है कि कोरोना वायरस के कारण आर्थिक नरमी आ सकती है।
इस बीच, अमेरिकी फेडरल रिजर्च बैंक ने हाल-फिलहाल दूसरी बार नीतिगत दर में कटौती की और उसके बाद यह 0 से 0.25 प्रतिशत के दायरे में आ गई है। वर्ष 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के समय नीतिगत दर का यही स्तर था।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के संवाददाता सम्मेलन बुलाये जाने की खबर से बाजार में नीतिगत दर में कटौती को लेकर अटकलें थी। हालांकि, संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने तीन अप्रैल को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती के संकेत दिये। उन्होंने नकदी बढ़ाने के उपायों की भी घोषणा की।
सेंसेक्स में सभी शेयर नुकसान में रहे। सर्वाधिक नुकसान इंडसइंड बैंक को हुआ जो 17.50 प्रतिशत नीचे आया। उसके बाद क्रमश: टाटा स्टील (11.02 प्रतिशत), एचडीएफसी (10.94 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (10.38 प्रतिशत) तथा आईसीआईसीआई बैंक (9.96 प्रतिशत) का स्थान रहा।
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई 3.40 प्रतिशत, हांगकांग 4.03 प्रतिशत, सोल 3.19 प्रतिशत तथा टोक्यो 2.46 प्रतिशत नीचे रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में 8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी।
इस बीच, ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 7.53 प्रतिशत टूटकर 31.30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
कोरोना वायरस के कारण दुनिया के विभिन्न देशों में अब तक 6,000 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1,62,000 संक्रमित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में सोमवार को इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 114 तक पहुंच गयी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.