
डायमंड सिटी के नाम से मशहूर गुजरात के सूरत के सरथना इलाके में शुक्रवार, 24 मई, दोपहर को एक व्यवसायिक इमारत के तीसरे मंजिल पर चल रहे कोचिंग सेंटर के अंदर लगी भीषण आग में 16 छात्राओं समेत 20 छात्रों की जलकर असामयिक मौत हो गई। आग तक्षशिला परिसर की तीसरी और चौथी मंजिल पर लगी थी, जहां कोचिंग सेंटर स्थित था। इस विनाशकारी आग से बचने के लिए करीब एक दर्जन छात्र इमारत की तीसरे और चौथे मंजिल से कूद गए। कूदने वाले लोगों में से तीन की मौत हो गई।
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— Gaurav Omvir Singh (@GauravSingh1307) May 24, 2019
सोशल मीडिया पर घटना के कुछ विडियो भी वायरल हुए हैं जिसमें कई छात्र बिल्डिंग से कूदते दिखाई दे रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कुछ छात्रों की मौत आग से झुलसने और कुछ की मौत घबराहट में बिल्डिंग से कूदने के कारण हुई। दूसरी तरफ किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए नई दिल्ली स्थित एम्स के बर्न ऐंड ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित की गई है।
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— Mayursinh (@apkajaddu) May 24, 2019
सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश कुमार मिश्रा ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। फिलहाल आग लगने की वजह साफ नहीं है। गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक CM विजय रुपाणी ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने घटना में जान गंवाने वाले हर छात्र के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया है।
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सूरत में आग की घटना से बेहद व्यथित हूं। मृतकों के परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैंने गुजरात सरकार और स्थानीय प्रशासन से प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने के लिए कहा है।'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, 'सूरत (गुजरात) में हुए इस हादसे की खबर से बहुत दुःख पहुंचा है। पीड़ित परिवारों के प्रति मैं गहरी शोक और संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हू।'
मौके पर पहुंचीं फायर ब्रिगेड की 18 गाड़ियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त बिल्डिंग में 50 से ज्यादा बच्चे और टीचर मौजूद थे। स्थानीय लोगों और प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर छात्रों की मौत घबराहट में बिल्डिंग से छलांग लगाने की वजह से हुई है।

स्थानीय लोगों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिल्डिंग में फायर सेफ्टी सिस्टम तक नहीं मौजूद था और आग लगने की स्थिति में बिल्डिंग से निकलने का कोई रास्ता नहीं था। यही वजह रही कि जो जहां था, वहीं फंसा रह गया और जान बचाने के लिए बिल्डिंग से कूदना ही आखिरी रास्ता दिखा। इस भीषण हादसे के बाद जागी सरकार ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वड़ोदरा के सभी कोचिंग सेंटर्स को फायर सेफ्टी ऑडिट पूरा होने तक बंद रखने का आदेश दिया है। हादसे के बाद अहमदाबाद पुलिस ने जिले में चल रहीं सभी ट्यूशन क्लासों, डांस क्लासों और समर कैंप्स को ऐहतियातन बंद करने का आदेश दिया था।
गर्मियों की छुट्टी पर चल रहे सूरत के नगर आयुक्त एम थेन्नर्सन ने वरच्छा के फायर ऑफिसर को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि फायर ऑफिसर इमारत में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की पहचान नहीं कर सके। थेन्नर्सन ने कहा, 'हमने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया है।' उधर, देर रात कोचिंग सेंटर चलाने वाले भार्गव भूटानी और अवैध रूप से तीसरा फ्लोर बनाने वाले हर्सुल वेकारिया तथा जिग्नेश बागदारा के खिलाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया है।