सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters

निजता और निगरानी के अधिकारों को लेकर बहस के बीच सीबीआई ने एक नोटिस जारी किया है. जांच एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से कहा है कि सामान्य आपराधिक मामलों की जांच के लिए वे माइक्रोसॉफ्ट की बनाई फोटो डीएनए तकनीक का इस्तेमाल करें. सीबीआई कुछ संदिग्धों की पहचान करना चाहती है. यह अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन होगा, क्योंकि इस तकनीक का इस्तेमाल खासतौर पर बाल शोषण करने वाली तस्वीरों की पहचान के लिए किया जाता है.

इसी महीने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया. नोटिस के साथ कुछ तस्वीरें भी भेजी गई हैं.

सीबीआई ने कहा- आपसे अनुरोध है कि कुछ तस्वीरों की जांच के लिए आप फोटोडीएनए तकनीक का इस्तेमाल करें. तस्वीरें नोटिस के साथ भेजी गई हैं. जांच के लिए यह जानकारी हमें तत्काल चाहिए. इसका मतलब यह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपने सर्वर पर सभी तस्वीरों की जांच के लिए खोजबीन करें.

सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें (सीबीआई) फोटो डीएनए सॉफ्टवेयर के चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों से अलग इस्तेमाल को लेकर भारत में किसी प्रतिबंध की जानकारी नहीं है. हालांकि, सीबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अनुरोध किया है, यह उन कंपनियों के ऊपर है कि वह संदिग्धों की खोज के लिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती हैं या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार माना है. सीबीआई का यह नोटिस इस अधिकार का उल्लंघन माना जा सकता है, क्योंकि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी यूजर्स को निगरानी के तहत नहीं डाला जा सकता है. इनमें वह यूजर भी शामिल हैं, जो ना तो कभी संदिग्ध रहे और ना ही उन पर आरोप लगा.

इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर अपार गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा- सामान्य अपराध में इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल इस तकनीक के मकसद का उल्लंघन है, क्योंकि इसका इस्तेमाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों में किया जाता है. यह निगरानी और नियंत्रण में भारी खामी है.

यूरोप में फोटो डीएनए सॉफ्टवेयर को लेकर बहस छिड़ी है. यूरोपियन यूनियन में निजता नियामक कोशिश कर रही है कि सोशल मीडिया कंपनियों में इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया जाए. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि सॉफ्टवेयर बाल यौन शोषण के मामलों की पहचान के लिए अपने आप ही अरबों तस्वीरों की जांच करता है. ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर इसका इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा, जबकि यह चरमपंथी कंटेंट और मैसेजों को भी ब्लॉक कर सकता है.

फोटो डीएनए एक तकनीक है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने डेवलप किया है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए किया जाता है. माइक्रोसॉफ्ट इसे अपनी सर्विस बिंग और वन ड्राइव में इस्तेमाल करता है. हालांकि, ट्विटर, यूट्यूब, और फेसबुक इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते हैं.