पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और केंद्र के बीच चल रही तनातनी के बीच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नवनियुक्त निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को अपना पद संभाल लिया. आलोक वर्मा के ट्रांसफर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति ने मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया है. कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है. ऋषि कुमार शुक्ला 1983 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं.
Delhi: Rishi Kumar Shukla takes charge as the Director of Central Bureau of Investigation (CBI). pic.twitter.com/9cM1gQK2kE
— ANI (@ANI) February 4, 2019
मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी ऋषि कुमार शुक्ला की पहली पोस्टिंग रायपुर में हुई थी. इसके बाद वो दमोह, शिवपुरी और मंदसौर जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी. वो साल 2009 से 2012 तक खुफिया विभाग के एडीजी रहे और फिर जुलाई 2016 से जनवरी 2019 तक मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के रूप में सेवाएं दी. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया था.
ऋषि कुमार शुक्ला ने आलोक वर्मा का स्थान लिया है. आलोक वर्मा को 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद ऋषि कुमार शुक्ला की नियुक्ति हुई है. चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान सीबीआई निदेशक के लिए ऋषि कुमार शुक्ला को चुना गया. इस समिति में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई शामिल रहे.
कांग्रेस नेता ने ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का निदेशक बनाए जाने का विरोध किया था. हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और पीएम मोदी ने 2-1 के बहुमत से ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का निदेशक बनाए जाने को मंजूरी दे दी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर इच्छुक नहीं है और केन्द्र सरकार को फौरन सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए.
शीर्ष अदालत ने सीबीआई निदेशक के पद को बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण भी बताया था. अदालत ने कहा था कि लंबे समय तक सीबीआई के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि आखिर उसने अब तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की? आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से सीबीआई निदेशक का पद 10 जनवरी से खाली पड़ा है.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा के बीच टकराव हुआ था. आलोक वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसके बाद आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाकर फायर सर्विसेज, सिविल डिफेंस एंड होम गार्डस का महानिदेशक बना दिया गया था. हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. वहीं, आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से एम नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर कार्यरत हैं.