अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस में सिर्फ नए अध्यक्ष को लेकर संशय की हालत नहीं है, बल्कि पार्टी के कई विभाग एवं प्रकोष्ठ भी लंबे समय से नए मुखिया के इंतजार में हैं। साथ ही कुछ विभाग और प्रकोष्ठ तो निष्क्रियता की स्थिति में हैं। हालांकि, पार्टी का कहना है कि संगठन में बदलाव की प्रक्रिया लगातार चल रही है और आने वाले समय में पार्टी के विभागों एवं प्रकोष्ठों में रिक्त पदों को भर दिया जाएगा।
पार्टी के 20 से अधिक विभागों-प्रकोष्ठों में से तीन- 'विधि, मानवाधिकार एवं आरटीआई विभाग', 'अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस' और 'अखिल भारतीय किसान कांग्रेस' के अध्यक्ष के पद लंबे समय से खाली हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 'विधि विभाग' के अध्यक्ष विवेक तन्खा ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब तक इस विभाग के अध्यक्ष पद पर किसी नए व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई।
आदिवासी समुदाय में पार्टी का अधार बढ़ाने के मकसद से काम करने वाले 'अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस' के अध्यक्ष का पद पिछले एक वर्ष से रिक्त है। पूर्व केंद्रीय मंत्री किशोर चंद्र देव ने लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल कांग्रेस का यह विभाग इसके दो उपाध्यक्षों महेंद्रजीत सिंह मालवीय और श्यामसुंदर हंसदाह की अगुवाई में चल रहा है।
पार्टी का एक और महत्वपूर्ण प्रकोष्ठ 'किसान कांग्रेस' भी पिछले तीन महीनों से अध्यक्ष के बिना काम कर रहा है। पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा की सरकार बनने के बाद किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले विधानसभा अध्यक्ष बन गए थे। इसके बाद किसान कांग्रेस का अध्यक्ष पद खाली है।
यही नहीं, 'ओबीसी विभाग' के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू छत्तीसगढ़ में गृह मंत्री भी हैं। वह पिछले 14 महीने से दोनों पदों पर हैं। इसी तरह 'अनुसूचित जाति विभाग' के अध्यक्ष नितिन राउत तीन महीने पहले महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बन गए। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी अपने इन दोनों विभागों के लिए नए अध्यक्ष नियुक्ति कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक कई अन्य विभागों में विभिन्न पद खाली हैं। मसलन, करीब डेढ़ साल पहले बने 'सिविक एंड सोशल आउटरीच कांग्रेस' में अध्यक्ष और सचिव के अलावा किसी अन्य पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है।
कांग्रेस के विभागों-प्रकोष्ठों में पदों के खाली होने के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''संगठन में विभिन्न स्तर पर लगातार बदलाव और नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। आने वाले समय में खाली पदों पर नियुक्ति कर दी जाएगी।''
पार्टी के कई विभाग-प्रकोष्ठ सिर्फ पदों के खाली होने की मुश्किल से नहीं जूझ रहे हैं, बल्कि कुछ तो निष्क्रियता की स्थिति में पड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि 'सिविक एंड सोशल आउटरीच कांग्रेस', 'हिंदी विभाग', 'विचार विभाग', 'प्रशिक्षण विभाग' और कुछ अन्य विभागों-प्रकोष्ठों में गतिविधियां लंबे समय से थम गई हैं अथवा ना के बराबर हैं।
कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, ''वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में 'सिविक एंड सोशल आउटरीच कांग्रेस' के सितंबर, 2018 में बनने के बाद अब तक सिर्फ एक कार्यक्रम हुआ। यही नहीं, इस संगठन में अब तक समन्वयकों एवं राज्य स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। कई अन्य विभागों-प्रकोष्ठों में कुछ यही स्थिति है।''
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर अनिश्चितता की स्थिति खत्म होने के बाद संगठन में विभिन्न स्तरों पर बदलाव एवं नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी आएगी। कांग्रेस संगठन में फिलहाल 13 महासचिव, 13 प्रभारी, करीब 60 सचिव और आठ संयुक्त सचिव हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.