प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार, 7 मार्च को उस समय भावुक हो गए जब उनकी सरकार की जेनेरिक दवा कार्यक्रम की एक महिला लाभार्थी ने उनसे कहा कि ''मैंने आपमें भगवान देखा है।''
देहरादून निवासी दीपा शाह को 2011 में पैरालिसिस हो गया था और वह जन औषधि दिवस के मौके पर वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये प्रधानमंत्री से संवाद कर रही थीं।
दीपा शाह की आंखों से आंसू टपक गए और उन्होंने कहा, ''मैंने भगवान को नहीं देखा है लेकिन मैंने आपमें भगवान देखा है।'' महिला ने जब अपनी टिप्पणी दोहरायी तो मोदी भी भावुक होते हुए दिखे।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi gets emotional after Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadi Pariyojana beneficiary Deepa Shah breaks down during interaction with PM. pic.twitter.com/Ihs2kRvkaI
— ANI (@ANI) March 7, 2020
महिला ने साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं अन्य को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी मदद की और कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया था कि उनका इलाज नहीं किया जा सकता।
देहरादून की महिला का अनुभव सुनने के बाद पीएम मोदी ने बताया कि देश भर में 6,000 से अधिक जनऔषधि केंद्र हैं और एक करोड़ से अधिक परिवार दुकानों से सस्ती दवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
दीपा शाह ने दवाओं की कीमत कम करने में किये गए प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा, ''आपकी आवाज सुनकर मैं बेहतर हो गई हूं।''
भावुक प्रधानमंत्री कुछ पलों के लिए शांत हो गए और बाद में महिला से कहा कि यह उनका साहस था जिससे उन्हें अपनी बीमारी पर जीत मिली और उन्हें यह भावना जारी रखनी चाहिए।
महिला इस बारे में बता रही थीं कि 2011 में पैरालिसिस होने बाद उन्हें किस तरह से मुश्किलें हुईं और अब उन्हें सरकार की कम कीमत की जेनेरिक दवा कार्यक्रम से प्रति महीने 3500 रुपये की बचत हो रही है। शाह जैसे ही अपने विचार व्यक्त करने के लिए उठीं तो मोदी ने उनसे बैठकर बोलने के लिए कहा क्योंकि वह खड़े होने में असहज महसूस कर रही थीं।
मोदी ने महिला से कहा, ''आपने बीमारी को अपनी आत्मशक्ति से परास्त किया है। आपका साहस आपका भगवान है और उसने ही आपको ऐसे बड़े संकट से निकलने की शक्ति दी। आपको अपना यह आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि कुछ लोग अब भी जेनेरिक दवाओं के बारे में अफवाह फैला रहे हैं, अतीत के अनुभव को देखते हुए वे इसको लेकर हैरान हैं कि दवाएं इतनी सस्ती कैसे मुहैया हो सकती हैं और दवाओं में कुछ जरूर गड़बड़ी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''हालांकि आपको देखकर देशवासियों को विश्वास होगा कि जेनेरिक दवाओं में कुछ भी गलत नहीं है। ये दवाएं किसी भी अन्य दवा से निम्न गुणवत्ता की नहीं हैं। इन दवाओं को सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशालाओं द्वारा प्रमाणित किया गया है। ये दवाएं भारत में निर्मित हैं और 'मेक इन इंडिया' और सस्ती हैं।''
उन्होंने कहा कि पूरे दुनिया से भारत से जेनेरिक दवाओं की मांग है और सरकार ने चिकित्सकों द्वारा मरीजों के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य किया है और जब तक जरूरी नहीं हो दूसरी दवा नहीं लिखी जाए।
उन्होंने कहा कि हर महीने करीब 1 करोड़ परिवार जन औषिधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाएं प्राप्त कर रहे हैं। बाजार की तुलना में जन औषिधि केंद्रों पर दवाई 50 से 90 फीसदी तक सस्ती मिल रही है। प्रधानमंत्री ने बताया अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000-2500 करोड़ रुपए की बचत जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है।
7 मार्च को मनाया जाता है जन औषधि दिवस
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) जन-जन को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराने के लिए फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है।
जनऔषधि केंद्र या पीएमबीजेपी स्टोर की स्थापना जेनेरिक दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए की गई है, जो कम कीमत पर उपलब्ध हैं लेकिन गुणवत्ता और प्रभावकारिता में महंगी ब्रांडेड दवाओं के बराबर हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.