जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन को लेकर सऊदी अरब ने भारत का समर्थन किया है। कश्मीर को लेकर बौखलाहट में इस्लामिक कार्ड खेलने वाले पाकिस्तान के लिए यह करारा झटका है। दुनिया भर में प्रमुख इस्लामिक ताकत माने जाने वाले सऊदी अरब का समर्थन हासिल करना भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है।
सूत्रों के मुताबिक बुधवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच रियाद में हुई दो घंटे की मीटिंग में सऊदी अरब ने अपनी यह राय दी।
सूत्रों ने बताया कि इस मीटिंग के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा, 'इस बातचीत में जम्मू-कश्मीर का मसला भी उठा। इस पर सऊदी क्राउन प्रिंस ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में भारत की ओर से उठाए गए कदमों को समझते हैं।'
बता दें कि भारत ने बीते 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था और सूबे को दो अलग हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव भी पारित हुआ।
हाल ही में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सऊदी अरब का दौरा किया था। इसके बाद भी सऊदी अरब की ओर से भारत का समर्थन किया जाना, उसके लिए बड़ा झटका है। गौरतलब है कि बीते 5 वर्षों में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सऊदी अरब से संबंधों को सुधारने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। इसके चलते सऊदी अरब सुरक्षा और इंटेलिजेंस जैसे मामलों में भी भारत के साझीदार के तौर पर सामने आया है।
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक दोनों देशों के संबंधों को और बेहतर करने वाली है। ऐसे दौर में जब सऊदी अरब 2030 तक अपनी इकॉनमी की तेल पर निर्भरता कम करने की योजना में है, तब भारत उसका अहम साझीदार हो सकता है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।