प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान कुछ कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति को लेकर कथित तौर पर नाराजगी जताई है। सरकार के आंतरिक सूत्रों से गुरुवार को यह जानकारी मिली।
प्रधानमंत्री ने बुधवार शाम को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के दौरान कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति का संज्ञान लिया। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री के अनुसार विशेषकर प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों को संसद में उपस्थित रहना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रश्नकाल संसदीय कार्यवाही का महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि उस दौरान सरकार को जनहित में लिए गए अपने फैसलों को सामने रखने का मौका मिलता है। प्रश्नकाल के दौरान कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री मौखिक रूप से सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हैं और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर सरकार का मत प्रकट करने का अवसर मिलता है।
ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने मंत्रियों से कहा कि प्रश्नकाल एक अवसर होता है जब सरकार लोकहित में उठाए गए कदमों की जानकारी देश को देती है।
उल्लेखनीय है कि प्रश्नकाल के दौरान कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री विभिन्न सवालों का खुद जवाब देते हैं और साथ ही सरकार को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करने का अवसर भी मिलता है।
बता दें कि इससे पहले प्रदूषण मामले पर संसद की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक से कई सांसद नदारद रहे थे, जिसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों की खिंचाई की थी। बैठक से नदारद रहने वालों में सत्तारूढ़ बीजेपी के भी सांसद थे।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.