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श्रीलंका ने सीरियल बम ब्लास्ट के बाद स्थानीय आतंकी संगठन नैशनल तौहीद जमात और इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक अन्य समूह पर प्रतिबंध लगाया है। 253 लोगों की जान लेने वाले इन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। इन हमलों में 500 से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी भी हुए हैं। इन सीरियल धमाकों के दौरान ही नैशनल तौहीद जमात से जुड़े आतंकी जहरान हाशिम ने भी खुद को उड़ा लिया था। उसने शंगरी-ला होटल में आत्मघाती हमला करते हुए खुद को उड़ा लिया था।
एक सरकारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए एनटीजे और इस्लाम स्टेट से जुड़े आतंकी संगठन जमात-ए-मिल्लतु-इब्राहिम पर बैन लगाया है। एक बयान में कहा गया, 'इन दोनों आतंकी समूहों से जुड़ चल और अचल संपत्ति को भी सरकार ने जब्त कर लिया है।'
बुधवार को हुए भीषण आतंकी हमलों के बाद श्री लंका की संसद ने नए आपातकालीन नियमों को लागू किया है। इसके बाद यह फैसला लिया गया है। बता दें कि शुक्रवार को ही श्री लंका के प्राइम मिनिस्टर रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि देश को आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से निपटने के लिए नए कानूनों की जरूरत है।
लगातार हुए 8 बम धमाकों के बीच सरकार की लापरवाही भी सामने आई है। पहली बात तो यह कि लगातार कई बार चेतावनियों के बाद भी सरकार की ओर से इनपुट्स पर ध्यान नहीं दिया गया। यहां तक किए अमेरिका कॉलेज स्टूडेंट को संदिग्ध बताया गया, जबकि गुनहगार दूर रहे। यही नहीं घटना के बाद भी सरकार का रवैया अफरातफरी वाला रहा। यहां तक कि पहले मृतकों की संख्या 350 तक बता दी गई, जबकि एक दिन बाद इस आंकड़े में करीब 100 की कमी कर दी गई।
सुरक्षा बलों के जवानों ने आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के खून के निशान साबुन लगा-लगाकर छुटाने का प्रयास किया है। इसके बावजूद चर्चों में प्रार्थना के लिए आने वाले लोगों में बड़ी कमी आई है। चर्चों को साफ करने के बाद भी लोग खौफ के साये में हैं।