पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो.
पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो.ANI

बीते समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर कुछ निजी कंपनियों द्वारा अपने विज्ञापन में इस्तेमाल किए जाने के बाद सचेत हुई केंद्र सरकार प्रतीक व नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) कानून, 1950 में सजा का प्रावधान लाने जा रही है जिसके बाद ऐसा करना काफी महंगा पड़ेगा और ऐसा करने वाले को पांच लाख तक के जुर्माने के अलावा बार-बार ऐसा करने पर जेल भी जाना पड़ सकता है.

दरअसल, केंद्र सरकार प्रतीक व नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) कानून, 1950 में सजा का प्रावधान लाने जा रही है. इसके मामूली जुर्माने को 400 गुना बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जाएगा. उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सात दशक पुराने कानून में संशोधन का मसौदा तैयार कर चुका है.

मसौदे पर सार्वजनिक राय लेने के साथ ही कानून मंत्रालय से विचार-विमर्श कर केंद्रीय कैबिनेट के पास भेजा जाएगा. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा. असल में सरकार ने विज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने वाली रिलायंस जियो इन्फोकॉम और पेटीएम को पिछले साल नोटिस जारी किया था. गौरतलब है कि इस समय इस प्रतीक व नाम कानून में अधिकतम सिर्फ 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है.

बताया जा रहा है कि पिछले साल नोटिस भेजने के बाद सरकार द्वारा दोनों कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया गया था. इसके बाद कानून में बदलाव की रूपरेखा तैयार की जा रही थी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार किए मसौदे में पहली बार उल्लंघन करने पर जुर्माने की रकम दो लाख रुपये तय की गई है. एक बार से अधिक उल्लंघन पर जुर्माना बढ़कर पांच लाख रुपये तक किया जा सकता है और कानून बार-बार उल्लंघन करने पर तीन से 6 माह तक की सजा भी हो सकती है.

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दरअसल सितंबर, 2016 में रिलायंस जियो ने अपने विज्ञापन के जरिये जियो 4जी सेवा को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया के तौर पर प्रचारित किया था. इसके अलावा 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद पेटीएम ने अपने विज्ञापन में इस कदम को ई-वॉलेट्स का इस्तेमाल बढ़ाने में मददगार बताते हुए स्वागत किया था और उसके द्वारा अखबारों में छपवाए गए विज्ञापनों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर थी.