प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर एक विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक से दो अरब अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी करने के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया है. नीरव मोदी विजय माल्या के बाद दूसरा ऐसा कारोबारी है जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया गया है. यह अधिनियम पिछले साल अगस्त में प्रभाव में आया था.
बता दें, नीरव मोदी और उसका चाचा मेहुल चोकसी पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी है. यह गारंटी पत्र जारी करने में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है जिसकी वजह से सरकारी बैंक को दो अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था. नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार किया गया था और अभी प्रत्यर्पण प्रक्रिया लंबित है.
इससे पहले भगोड़े नीरव मोदी ने यूके की कोर्ट में कहा था कि अगर उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया तो वह खुद को मार लेगा. उस दौरान ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की नई जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इससे नीरव मोदी को तगड़ा झटका लगा था.
नीरव ने मुचलके के तौर पर 40 लाख पाउंड की भारी धनराशि का भुगतान करने के साथ ही संदिग्ध आतंकवादियों के समान निगरानी में रखे जाने की पेशकश की थी, लेकिन अदालत ने उसकी दलील को अनसुना कर दिया.
एफईओ ऐक्ट के तहत, 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक के आर्थिक अपराध में शामिल व्यक्ति यदि देश छोड़कर चला जाता है और लौटने से इनकार करता है तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है.
इस कानून के तहत बिना किसी इजाजत के अपराधियों की संपत्ति जब्त कर और उन्हें बेचकर उधारदाताओं को भुगतान किया जा सकता है. ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलता है.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.