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लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे और 23 मई को नतीजे आएंगे। आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ होंगे। लेकिन सुरक्षा कारणों से जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराने का फैसला किया गया है।

आयोग ने लोकसभा की कुल 543 सीटों पर 7 चरणों में चुनाव का ऐलान किया है। 11, 18, 23, 29 अप्रैल एवं 6, 12 और 19 मई को चुनाव होंगे। सभी चरणों की वोटिंग की गिनती एक साथ 23 मई को होगी। 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक चरण में ही मतदान होगा। चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है। अब सरकार की ओर से किसी भी नई योजना का ऐलान नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही आयोग ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश एवं सिक्किम में विधानसभा चुनावों का भी ऐलान किया। यहां लोकसभा की वोटिंग के साथ विधानसभा के लिए भी मतदान कराया जाएगा।

पहले राउंड में 20 राज्यों की 91 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे राउंड में 13 राज्यों की 97 सीटों पर मतदान होगा। तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों पर वोट पड़ेंगे। चौथे दौर में 9 राज्यों की 71 सीटों, 5वें में 7 राज्यों की 51 सीटों, छठे राउंड में 7 राज्यों की 59 सीटों और 7वें एवं आखिरी दौर में 8 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होगा। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा। 12 राज्यों की 34 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए भी लोकसभा चुनाव के साथ ही मतदान होगा।

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, अंडमान-निकोबार, दादर एवं नागर हवेली, दिल्ली, पुदुचेरी, चंडीगढ़ में एक ही राउंड में मतदान होगा।

इस बार सभी पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपैट मशीनें होंगी। इससे वोटर्स को यह पता चल सकेगा कि उसकी ओर से दिया गया वोट सही उम्मीदवार को ही पड़ा है या नहीं। यही नहीं, ईवीएम की भी कई स्तरीय सुरक्षा होगी। हर उम्मीदवार को फॉर्म 26 भरना होगा। देशभर में कुल 10 लाख पोलिंग स्टेशनों पर मतदान कराया जाएगा। 2014 में यह संख्या 9 लाख के करीब थी। सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे। पूरी चुनावी प्रक्रिया की विडियोग्रफी भी होगी।

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चुनाव प्रचार के लिए ईको-फ्रेंडली सामग्री के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई है। कोई भी उम्मीदवार अखबार में 3 बार ही विज्ञापन दे सकेगा। यदि कोई उम्मीदवार अपने PAN कार्ड की जानकारी नहीं देता है तो उसकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी। यही नहीं, उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर खर्च की गई रकम को भी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। सभी उम्मीदवारों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी भी देनी होगी।

इस आम चुनाव में 90 करोड़ वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। 2014 से अब तक 8.4 करोड़ मतदाता बढ़े हैं। 1.5 करोड़ मतदाता 18 से 19 साल के हैं। बीते चुनाव में 81 करोड़ वोटर थे। देश भर के 99.3 पर्सेंट मतदाताओं के पास मतदाता पहचान पत्र हैं। 1095 पर SMS के जरिए भी लोग मतदाता सूची में अपना नाम खोज सकते हैं। यह नंबर टोल फ्री है। तारीखों के ऐलान के 10 दिन बाद वोटिंग लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। हर घर को वोटर गाइड कार्ड दिया जाएगा। सबसे कम लक्षद्वीप में 49,922 वोटर होंगे। सबसे ज्यादा मल्काजगिरी में 31,83,325 मतदाता है।

दिलचस्प तथ्य यह है कि यह पहला ऐसा आम चुनाव है, जब 21वीं सदी में जन्मे लोग मतदान कर सकेंगे। 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान इस सदी में जन्मे लोगों की आयु 18 वर्ष नहीं थी, अब इस चुनाव में वे पहली बार देश की सरकार चुनने के लिए वोट डाल सकेंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि दुनिया में करीब 40 लोकतांत्रिक देश हैं, लेकिन पारदर्शिता के मामले में भारत अव्वल देशों में से एक है।

पिछले आम चुनावों की बात करें तो 2014 में 9 चरणों मतदान हुआ था। पहले राउंड की वोटिंग 7 अप्रैल को हुई थी, जबकि 12 मई को आखिरी राउंड की वोटिंग हुई थी। 16 मई को नतीजों का ऐलान हुआ था और 26 मई को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। सबसे ज्यादा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 6 चरणों में मतदान हुआ था। 2014 में पहली बार इतने ज्यादा चरणों में चुनाव हुआ था, इससे पहले 2009 में 6 और 2004 में 4 चरणों में मतदान हुआ था।