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PTI

विभिन्न क्षेत्रों में गतिविधियां ठप्प रहने से लॉकडाउन के पिछले एक माह के दौरान आनलाइन भुगतान में 30 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है. यात्रा, रियल एस्टेट, लाजिस्टिक्स और खाद्य एवं पेय पदार्थों के क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन कम होने से यह गिरावट आई है. वित्तीय प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म रेज़रपे ने यह जानकारी दी है.

यह रिपोर्ट लॉकडाउन शुरू होने से पहले 24 फरवरी से लेकर 23 मार्च और उसके बाद लॉकडाउन के दौरान 24 मार्च से लेकर 23 अप्रैल 2020 के बीच कंपनी के प्लेटफार्म पर होने वाले लेनदेन पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन में सबसे अधिक 41 प्रतिशत गिरावट गुजरात में दर्ज किया गया है. उसके बाद मध्य प्रदेश में 39 प्रतिशत और तमिलनाडु में 26 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है.

हालांकि, इस दौरान कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जिनमें आनलाइन भुगतान में वृद्धि हुई है. इसमें बिजली, पानी जैसी सेवाओं, आईटी और साफ्टवेयर और मीडिया तथा मनोरंजन के क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन में क्रमश: 73 प्रतिशत, 32 प्रतिशत और 25 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. लोगों के लॉकडाउन के दौरान घरों में ही रहने से संभवत: यह वृद्धि दर्ज की गई.

रिपोर्ट के अनुसार वहीं दूसरी तरफ, ''लाजिस्टिक्स जैसी गतिविधियों में डिजिटल लेनदेन में 96 प्रतिशत तक गिरावट आई है, यात्रा क्षेत्र में यह 87 प्रतिशत कम हुआ है जबकि रियल एस्टेट क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन 83 प्रतिशत कम हुआ है. किराना कारोबार में भी डिजिटल लेनदेन में इस दौरान 54 प्रतिशत कमी आई है.

कंपनी का कहना है कि इस दौरान अहमदाबाद, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में लॉकडाउन शुरू होने से पहले एक माह और लॉकडाउन शुरू होने के एक माह के बाद डजिटल लेनदेन क्रमश: 43 प्रतिशत, 32 प्रतिशत और 25 प्रतिशत कम हुआ है.

रेज़रपे के सीईओ एवं सह- संस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा ने कहा कि पिछले 30 दिन के दौरान आनलाइन भुगतान में 30 प्रतिशत की गिरावट नोटबंदी के बाद पहली बाद दिखाई दी है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी कई मोर्चों पर लगातार अनिश्चितता पैदा कर रही है। इसका वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों पर गहरा प्रभाव होगा.

एक नया रुझान जो देखने को मिला है वह यह कि इसके बाद दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में डिजिटल भुगतान में वृद्धि हो रही है। इस दौरान आनलाइन अनुदान देने के मामलों में 180 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा भुगतान यूपीआई के जरिये 43 प्रतिशत हुये। इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ डेबिट और क्रेडिट कार्ड का स्थान रहा. वहीं नेटबैंकिंग के जरिये 10 प्रतिशत लेनदेन किया गया.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.