पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच बुधवार को भारत और चीन के सैनिक भी पूर्वी लद्दाख में आपस में भिड़ गए। सूत्रों के मुताबिक भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच काफ़ी देर तक धक्का-मुक्की होती रही। दोनों देशों के सैनिकों के आमने-सामने आने की वजह से 'फेस ऑफ' की स्थिति बन गई।
घटना 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई जिसके एक तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है। हालांकि बाद में दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर पर बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पेंगोंग झील के उत्तरी छोर पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए। हालांकि, डेलिगेशन स्तरीय वार्ता के बाद मामला शांत हो गया। दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह घटना उस वक्त हुई जब भारतीय सैनिक पट्रोलिंग पर थे।
Indian Army: There was a face off between soldiers of Indian Army and Chinese Army near the northern bank of the Pangong lake. The face off was over after the delegation level talks between two sides there. De-escalated & disengaged fully after delegation level talks yesterday. pic.twitter.com/dZY9Mp04l2
— ANI (@ANI) 12 September 2019
बता दें कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत सरकार के फैसले से चीन बौखलाया हुआ है। लद्दाख के मामले पर चीन और भारत में तनातनी का भी माहौल है।
गौरतलब है कि इससे पहले पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे वाले इलाके में साल 2017 को भी दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी। इतना ही नहीं, डोकलाम में भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबरें आ चुकी हैं। डोकलाम में दोनों सैनिकों के बीच काफी दिनों तक तनातनी रही थी। करीब 70 दिनों तक एक दूसरे के सामने डटे रहने के बाद दोनों देशों के सैनिक हटे थे।
दरअसल, भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटने जाने की प्रक्रिया पर चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत के फैसले को 'अस्वीकार्य' बताया था।
हालांकि, भारत सरकार ने चीन के विरोध का जवाब देते हुए कहा था कि यह भारत का आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि भारत अन्य देशों के आंतरिक मामलों में टिप्पणी नहीं करता और इसी तरह की उम्मीद वह अन्य देशों से करता है।
भारत और चीन के बीच 3,448 किलोमीटर लंबी सीमा पर दशकों पुराना विवाद है, जो दुनिया की नौवीं सबसे लंबी सीमा है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है जबकि भारत अक्साई चीन पर अपना दावा करता है। 1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है।