जीएसटी
सांकेतिक तस्वीरPTI

कर चोरी रोकने के लिए उठाए गए कदमों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। सरकारी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, जनवरी माह में जीएसटी संग्रह 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।

जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद यह दूसरा मौका है जब मासिक संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर चला गया है। इससे पहले अप्रैल 2019 में जीएसटी सग्रह 1.13 लाख करोड़ रुपये था।

राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने जनवरी महीने की शुरुआत में वरिष्ठ कर अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करके राजस्व बढ़ाने के कदम उठाने के लिए कहा था। चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में जीएसटी संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, घरेलू सौदों पर जीएसटी संग्रह में जनवरी 2019 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, आयात से प्राप्त एकीकृत जीएसटी में तीन प्रतिशत की गिरावट आयी है। यदि आयात से प्राप्त एकीकृत जीएसटी को जोड़ दिया जाये तो जनवरी 2020 के दौरान कुल राजस्व संग्रह में साल भर पहले की तुलना में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

बयान में कहा गया है, "इस बार जनवरी में कुल 1,10,828 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की वसूली 20,944 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 28,224 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 53,013 करोड़ रुपये और उपकर की वसूली 8,637 करोड़ रुपये रही। एकीकृत जीएसटी में 23,481 करोड़ रुपये आयात से वसूल हुए। इसी प्रकार 824 करोड़ रुपये आयातित माल पर उपकर से मिले।"

आधिकारिक बयान के मुताबिक, जनवरी 2019 में जीएसटी संग्रह 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा था। जनवरी अंत तक दिसंबर के लिए 83 लाख जीएसटीआर3बी रिटर्न दाखिल किये गये। सरकार ने आईजीएसटी से केंद्रीय जीएसटी का 24,730 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी का 18,199 करोड़ रुपये निपटाया।

इस दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निपटान के बाद सीजीएसटी से 45,674 करोड़ रुपये और एसजीएसटी से 46,433 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों के लिये प्रति माह 1.1 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.