केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को ''आधारहीन'' बताया है. एनडीए सरकार के वार वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, ''आज की तारीख में गोला-बारूद की कोई कमी नहीं है. राफेल सौदे में घोटाले के आरोप बिल्कुल निराधार हैं.''
सरकार की ओर से एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया गया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि कैसे विपक्ष देश को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है और यह सौदा यूपीए सरकार द्वारा किये गए सौदे से कैसे क्षमता, मूल्य, उपकरण, रख-रखाव, वितरण और प्रशिक्षण के मामले में कहीं अधिक बेहतर है. एनडीए सरकार ने हाल के समय के सबसे बड़े रक्षा खरीद सौदों में से एक को करते हुए, 1.5 बिलियन डाॅलर में 36 राफेल जेट खरीदने के लिये फ्रांसीसी कंपनी डेसाॅल्ट एविएशन के साथ सौदा किया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनडीए सरकार पर मूल्य से अधिक पर सौदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस कीमत पर सरकार को करीब 40,000 करोड़ रुपये अधिक खर्च करने पड़ेंगे. गांधी का मानना था कि यूपीए सरकार द्वारा किया गया सौदा मौजूदा सरकार द्वारा किये गए सौदे की तुलना में कहीं बेहतर था.
फरवरी के महीने में गांधी ने इस सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आठ सवालों की एक श्रृंखला रखी थी. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि इस सौदे को बदलने के लिये पीएम स्वयं व्यक्तिगत रूप से फ्रांस तक गए थे.
भारतीय सेना को इस समय लड़ाकू विमानों की बेहद सख्त जरूत है क्योंकि पता चला है कि उसके बेड़े में मौजूद लड़ाकू विमानों में से करीब 40 प्रतिशत अपने अंतिम दौर में हैं. मूल रूप से 126 विमानों के लिये किया गया राफेल सौदा विभिन्न कारणों के चलते बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रहा है.