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देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शौर्य सम्मान समारोह में शहीद सैनिकों की पत्नियों और माताओं का सम्मान करने के दौरान शहीद की माताओं के पैर छूकर देश की ओर कृतज्ञता प्रकट करके वीर जांबाज शहीदों को मानो दिली श्रद्धांजलि देने का काम किया।

रक्षामंत्री ने कार्यक्रम के दौरान वन रैंक वन पेंशन को लेकर विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की मांग को जिन्होंने सालों तक लटकाए रखा वे अब इसमें खामियां गिनवा रहे हैं। ऐसे लोगों के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है।

रक्षा मंत्री सीतारमण ने शहीदों के शौर्य सम्मान समारोह में पहुंचकर सबसे पहले अमर शहीद स्मृति चिन्ह को नमन किया। इस मौके पर शहीदों के परिवार भी वहां मौजूद थे। इस दौरान जब एक शहीद सिपाही की मां रक्षा मंत्री का स्वागत करने पहुंचीं और नमस्कार करने लगीं तो सीतारमण ने उनके हाथ पकड़ लिए। इसके बाद रक्षा मंत्री ने खुद झुककर दोनों हाथों से शहीद की मां के पैर छुए और आशीर्वाद लिया।

रक्षा मंत्री के इस तरह शहीद की मां का सम्मान किया जिसे देखकर लोगों ने तालियों से उनका अभिनंदन किया। बता दें कि रक्षा मंत्री ने मंच पर फौज के सिपाही शहीद अजीत प्रधान की माता जी हेम कुमारी प्रधान के चरण स्पर्श किए।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्तराखंड के शहीदों की पत्नियों और माताओं से मिलकर उन्हें सदैव प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि सैनिक हर परिस्थिति में देश के लिए खड़े होते हैं। साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष के सवालों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गुमराह करने वाले लोगों की बातों में जनता ना आए।

रक्षा मंत्री ने सभी फौजी परिवारों से साफ-तौर पर कहा कि किसी भी समस्या के लिए सैनिक चाहें तो सीधे उनसे फ़ोन पर बात कर सकते हैं। इसके लिए ना ही उन्हें किसी अपॉइंटमेंट की जरूरत है और ना ही किसी तरह से झिझकने की जरूरत है।

इस मौके पर रक्षामंत्री ने कहा कि किसी के बहकावे में आने की बजाय अगर आपके मन में इस संबंध में किसी भी तरह का संदेह है तो मुझसे जवाब मांगिए। चाहे पत्र लिखकर या चाहे अपने सांसद के माध्यम से सवाल उठाइए। उन्होंने कहा कि मैं हर सवाल का जवाब देने को तैयार हूं लेकिन वॉट्सऐप पर फैलाए जा रहे भ्रम से दूर रहें। उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के लागू होने के तीन वर्ष पूरे होने पर इस साल उसकी समीक्षा की जाएगी और अगर कहीं कोई कमी पाई गई तो उसे दूर किया जाएगा।

सीतारमण ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ओआरओपी स्वीकृत करने के बाद इसके लिये पर्याप्त बजटीय प्रावधान भी किए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक ओआरओपी के तहत 35 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं और अंतरिम बजट में प्रति वर्ष 8 हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान भी किया गया है। शहीदों की पत्नियों और माताओं का सम्मान करते हुए सीतारमण ने कहा कि उनसे मिलकर उन्हें सदैव प्रेरणा मिलती है।

देश में 70 वर्ष बाद एक भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक न होने का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने फरवरी में राष्ट्रीय समर स्मारक बनाकर देश को समर्पित किया है। यह हमारे शहीद सैनिकों की स्मृति को संजोए रखने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि शॉर्ट सर्विस कमिशन (एसएससी) में महिलाओं को पुरूषों के समान ही स्थायी कमिशन मिलेगा तथा देश में 200-200 बिस्तर के तीन बड़े ईसीएचएस (एक्स सर्विसमैन कन्ट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम) अस्पताल बनाए जाएंगे। इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की भांति ही अर्धसैनिक कल्याण निदेशालय भी बनाए जाने की घोषणा की।