महाराष्ट्र के नागपुर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ब्रह्मोस यूनिट में कार्यरत निशांत अग्रवाल को सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI को देने के आरोप में उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉड (एटीएस) और मिलिटरी इटेलिजेंस के मिलकर गिरफ्तार किया है.
यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि DRDO में कार्यरत निशांत अग्रवाल के कंप्यूटर से काफी संवेदनशील जानकारियां हाथ लगी है. उन्होंने कहा कि निशांत अग्रवाल के कंप्यूटर से उसके पाकिस्तान स्थित आईडी पर फेसबुक के जरिए चैटिंग के भी सबूत हाथ लगे हैं.
Maharashtra: Brahmos engineer Nishant Agarwal being brought out of Nagpur Sessions Court. The Court has granted his three days transit remand to Uttar Pradesh ATS. He was arrested yesterday on charges of spying. pic.twitter.com/Vwma9PdjPQ
— ANI (@ANI) October 9, 2018
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि इंजीनियर निशांत अग्रवाल अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की एक महिला एजेंट के जाल में फंसा था. इसलिए इसे हनीट्रैप से जोड़कर देखा जा रहा है. महिला हैंडलर उसे दिल्ली से ऑपरेट कर रही थी. फिलहाल वो महिला कौन है और वो कब से निशांत के संपर्क में थी, इस बारे में अभी कोई ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है. सुरक्षा एजेंसियां आरोपी इंजीनियर से पूछताछ कर रही है.
एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि कुछ महीने पहले एक बीएसएफ का जवान गिरफ्तार किया गया था और जांच के दौरान तीन फर्जी फेसबुक आईडी का पता चला, जो पाकिस्तान आधारित आईडी से संचालित होता था. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि निशांत अग्रवाल जो कि एक इंजिनियर है वो पाकिस्तान के आईपी एड्रेस से संचालित होने वाले फेसबुक आईडी से चैटिंग से माध्यम से संपर्क में था.
इससे पहले रविवार रात को भी इसी टीम ने कानपुर से एक महिला को गिरफ्तार किया था. हालांकि, उसके पास से कुछ नहीं मिला था. ब्रह्मोस 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 290 किलोमीटर तक के ठिकानों पर वार कर सकती है. ब्रह्मोस कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए रडार की पकड़ में नहीं आती.
आईजी अरुण ने बताया कि नागपुर के अलावा आगरा और कानपुर में भी रेड हुई है. हमारा मानना है कि उसके लैपटॉप से जो संवेदनशील जानकारियां मिली हैं वो उसके पास नहीं होनी चाहिए थी.
हालांकि यूपी एटीएस के मुताबिक अभी इस बात की जांच की जा रही है कि यह संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI तक पहुंची या नहीं. एटीएस हनी ट्रैपिंग के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है क्योंकि निशांत अग्रवाल कथित तौर पर दो महिलाओं के संपर्क में था जिनके आईपी एड्रेस पाकिस्तान के थे.
निशांत अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने 'ब्रह्मोस' मिसाइल से जुड़ी टेक्निकल जानकारी पाकिस्तानी एजेंसी के साथ साझा की है. निशांत अग्रवाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं और पिछले 4 साल से DRDO की नागपुर यूनिट में काम कर रहे हैं. फिलहाल उन पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ की जा रही है.
गौरतलब है कि सोमवार सुबह यूपी एटीएस की टीम निशांत के नागपुर स्थित आवास पर छानबीन के लिए पहुंची और मामले की जांच संबंधी सामग्रियां जब्त की. वहीं रविवार रात को भी इसी टीम ने कानपुर से एक महिला को गिरफ्तार किया था. हालांकि, उसके पास से कुछ नहीं मिला था.
उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस एक मध्यम रेंज की सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है जिसे भारत ने रूस के साथ मिल कर बनाया है. इस मिसाइस से जु़ड़ी खासियत यह है कि इसे जमीन के अलावा पनडुब्बी, युद्धपोत और लड़ाकु विमान से लॉन्च किया किया जा सकता है. भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित यह मिसाइल दुनिया की सूबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जाती है