मोदी सरकार पर विपक्षी जातिवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हैं। लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जातिवाद को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर विपक्षियों को करारा जवाब मिला है। गडकरी ने एक सभा के दौरान कहा कि अगर को जाति के बारे में बात करता है, तो वह उसे पीट देंगे।
पुणे के पिंपरी-चिंचवड इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, 'हम जाति की राजनीति करने में विश्वास नहीं करते हैं।'
विरोधियों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि आपके यहां कितनी जातियों के लोग हैं, लेकिन हमारे यहां कोई जाति नहीं है, क्योंकि मैंने सबसे कह दिया है कि अगर कोई भी जाति का नाम लेगा, तो मैं उसे जमकर पीटूंगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समाज को जातिवाद और सांप्रदायिकता के बंधनों से आजाद रहना चाहिए। समाज को सिर्फ एकता के बंधन में बधना चाहिए। इसी से देश आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा, 'हमें एक ऐसा समाज बनाना है, जो जातिवाद और सांप्रदायिकता के जंजाल से मुक्त हो। एक ऐसा समाज जहां गरीबों और अमीरों के बीच कोई भेदभाव न हो। ऐसा समाज जहां कोई किसी से ऊपर या नीचे न हो।'
नितिन गडकरी ने कहा कि गरीबों और विनम्र लोगों के साथ भगवान की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। जैसे हम भगवान की सेवा करते हैं, वैसे ही गरीबों की सेवा और मदद करनी चाहिए। गरीबों की सेवा करना एक तरह से भगवान की सेवा करने के ही समान है, समाज के हर वर्ग को यह समझना चाहिए।
अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर गडकरी के हाल के दिनों में दिए गए बयानों के चलते कई विवाद हुए हैं। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि नेतृत्व को जीत के साथ ही हार की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। उनका यह बयान राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बाद आया था। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।
उनके सोच समझकर चुनावी वादे के बयान ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थी। गडकरी ने कहा था कि बड़े-बड़े वादे सभी को अच्छे लगते हैं लेकिन यह जब पूरे नहीं होते हैं तो फिर जनता पिटाई भी करती है।
इसी तरह से पिछले महीने गडकरी ने राजनेताओं से दूसरे क्षेत्रों में हस्तक्षेप देने से बचने को कहा था। गडकरी ने यह बयान यवतमाल में सालाना मराठी साहित्यिक सम्मेलन के समापन समारोह में दिया था। इस कार्यक्रम में जानी मानी लेखिका नयनतारा सहगल को निमंत्रण देने के बाद विवाद खड़ा हो गया था।